लखनऊ : उत्तर प्रदेश के 93 सरकारी अस्पतालों को नेशनल क्वालिटी एसोरेशन स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) प्रमाण पत्र मिला है, जो स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी की ओर इशारा कर रहा है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अफसरों को बधाई दी है.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि 'पहली बार 46 जिला अस्पतालों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है. पूरे भारत में किसी अन्य प्रदेश में इतनी अधिक संख्या में जिला चिकित्सालयों को यह प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. लखनऊ के सिविल, जिला संयुक्त चिकित्सालय मेरठ को भी एनक्यूएएस प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है. साथ ही सुल्तानपुर के डीह स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को भी इस प्रमाण पत्र से नवाजा गया है. सेंटर को सभी 12 बिन्दुओं पर प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है.' डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि '22 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और दो हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर को भी एनक्यूएएस प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है.'
अहम उपलब्धियां
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत तीन करोड़ से अधिक प्रदेश के नागरिकों के लिए आभा आईडी बनायी गयी है. दो करोड़ से अधिक इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड बनाये गये हैं. स्कैन व शेयर मॉड्यूल के तहत दो लाख टोकन बनाये गये हैं. इस विषय में पूरे देश के दस सर्वोत्तम अस्पतालों में नौ उत्तर प्रदेश के हैं.
- आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 18.73 लाख गरीब लाभार्थियों को निशुल्क इलाज मुहैया कराया गया. इनके इलाज पर 2277 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिसकी प्रतिपूर्ति की जा चुकी है.
- ग्रामीण क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड की सुविधा को बेहतर बनाया गया. निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर में ई-वाउचर के माध्यम से सेवा प्रदान की व्यवस्था की गई है. फरवरी से शुरू की गई योजना के तहत पांच हजार गर्भवती महिलाएं योजना का लाभ हासिल कर चुकी हैं.
- पिछले चार वर्षों में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत वेलनेस सेंटर में 18,000 से अधिक सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) की भर्ती की गयी है.
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