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अब घर बैठे ही देख सकेंगे पुरानी धरोहर, तैयार हो रहा है अवध का ऑनलाइन म्यूजियम, ये होगी खासियत

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Published : Jun 10, 2023, 6:37 PM IST

सनतकदा संस्थान अवध का ऑनलाइन म्यूजियम तैयार कर रहा है. यह म्यूजियम 3 हजार से अधिक फोटो और वीडियो से तैयार किया जाएगा. इस म्यूजियम में अवध और लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहर आसानी से देखी जा सकेगी.

अब घर बैठे ही देख सकेंगे पुरानी धरोहर
अब घर बैठे ही देख सकेंगे पुरानी धरोहर
अब घर बैठे ही देख सकेंगे पुरानी धरोहर.

लखनऊ : अभी तक हम इतिहास से जुड़ी चीजों को देखने और उनकी जानकारी के लिए म्यूजियम पर निर्भर थे. इसके लिए म्यूजियम तक जाने की मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन अब आप घर बैठे ही एक क्लिक पर सभी तरह की जानकारियों से रूबरू हो सकेंगे. लखनऊ के सनतकदा संस्थान ने लखनऊ व अवध के इतिहास को जीवंत रूप देने के लिए एक अनूठी पहल की है. अवध के पूरे इतिहास, ऐतिहासिक महत्व, इससे जुड़ी इमारतों व खानपान को डिजिटल तौर पर संग्रहित करने की तैयारी है. संस्थान अवध और लखनऊ के इतिहास को बताने के लिए ऑनलाइन म्यूजियम तैयार कर रहा है.

ऑनलाइन म्यूजियम से लोगों को काफी फायदा मिलेगा.
ऑनलाइन म्यूजियम से लोगों को काफी फायदा मिलेगा.

3000 फोटो और वीडियो से तैयार हो होगा ऑनलाइन म्यूजियम : सनतकदा लखनऊ की संस्थापिका माधवी कुकरेजा ने बताया कि देश में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें लोग देखना व उनके बारे में जानना चाहते हैं. हमारा लखनऊ या यह कहें अवध भी उन्हीं में से एक है. आमतौर पर लोगों की धारणा यह है कि कोई भी ऐतिहासिक या हिस्ट्री से जुड़ी हुई जगह पर मोनुमेंट्स (स्मारक) ऐतिहासिक इमारतों के तौर जाने जाते हैं, लेकिन अवध और लखनऊ का इतिहास सिर्फ पुरानी इमारतों में नहीं बसा है. यहां की गलियों, पहनावे और रहन-सहन में भी अवध का इतिहास बसता है. इन्हीं सब चीजों के अभिलेख तैयार कर ऑनलाइन म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा. इनकी तस्वीरों में अवध की कहानी और वीडियो में इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उतारा जा रहा है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से अवध पर आधारित ये पहला ऑनलाइन म्यूजियम होगा. उन्होंने बताया कि इस म्यूजियम को शुरुआती चरण में हम दो से तीन हजार फोटो और वीडियो के साथ शुरू कर रहे हैं. बाद में 10 हजार से अधिक फोटो और वीडियो को इसमें जोड़ा जाएगा.

ऑनलाइन म्यूजियम से परिधानों के बारे में भी जानकारी मिलेगी.
ऑनलाइन म्यूजियम से परिधानों के बारे में भी जानकारी मिलेगी.

इमारतों व यहां के पकवानों से जुड़े इतिहास भी बताए जाएंगे : माधवी कुकरेजा ने बताया कि इस ऑनलाइन म्यूजियम को तैयार करने के लिए हम अवध और लखनऊ को साथ लेकर चल रहे हैं. ऑनलाइन म्यूजियम में सिर्फ यहां की ऐतिहासिक इमारतें ही नहीं होंगी, बल्कि इन इमारतों में पुराने दौर के नवाबों, उसके बाद आए लोगों का रहन-सहन कैसा था, यह भी दिखाया जाएगा. साथ ही इस ऑनलाइन म्यूजियम में नवाबों के समय में जो खानपान बनते थे और जो उस समय से लेकर अभी तक चले आ रहे हैं, उनके इतिहास की भी जानकारी फोटो व वीडियो के माध्यम से दी जाएगी. जैसे कोई खास पकवान है उनकी सिर्फ फोटो नहीं बल्कि उनकी शुरुआत कब हुई, उसकी रेसिपी कैसे तैयार की गई, जैसे रोचक किस्से भी इस म्यूजियम में दिखाए जाएंगे. इसके साथ ही हमारे ऑनलाइन म्यूजियम में अवध का कथक, परिधान में कुर्ता-पायजामा, लहंगा, शरारा, गरारा व इसके साथ ही चांदी के वर्क का काम, चिकनकारी, जरदोजी जैसे काम भी शामिल किए जाएंगे. इन सभी का डिजिटली डाक्यूमेंटशन किया जा रहा है, इसमें रिसर्च स्कॉलर को भी शामिल किया गया है. कोई भी व्यक्ति घर पर बैठे ही कई तरह की जानकारियां हासिल कर सकेगा.

यह भी पढ़ें : ऐतिहासिक धरोहरों में लीजिए अवध के जायके का आनंद, मिलेगी खास जानकारी

अब घर बैठे ही देख सकेंगे पुरानी धरोहर.

लखनऊ : अभी तक हम इतिहास से जुड़ी चीजों को देखने और उनकी जानकारी के लिए म्यूजियम पर निर्भर थे. इसके लिए म्यूजियम तक जाने की मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन अब आप घर बैठे ही एक क्लिक पर सभी तरह की जानकारियों से रूबरू हो सकेंगे. लखनऊ के सनतकदा संस्थान ने लखनऊ व अवध के इतिहास को जीवंत रूप देने के लिए एक अनूठी पहल की है. अवध के पूरे इतिहास, ऐतिहासिक महत्व, इससे जुड़ी इमारतों व खानपान को डिजिटल तौर पर संग्रहित करने की तैयारी है. संस्थान अवध और लखनऊ के इतिहास को बताने के लिए ऑनलाइन म्यूजियम तैयार कर रहा है.

ऑनलाइन म्यूजियम से लोगों को काफी फायदा मिलेगा.
ऑनलाइन म्यूजियम से लोगों को काफी फायदा मिलेगा.

3000 फोटो और वीडियो से तैयार हो होगा ऑनलाइन म्यूजियम : सनतकदा लखनऊ की संस्थापिका माधवी कुकरेजा ने बताया कि देश में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें लोग देखना व उनके बारे में जानना चाहते हैं. हमारा लखनऊ या यह कहें अवध भी उन्हीं में से एक है. आमतौर पर लोगों की धारणा यह है कि कोई भी ऐतिहासिक या हिस्ट्री से जुड़ी हुई जगह पर मोनुमेंट्स (स्मारक) ऐतिहासिक इमारतों के तौर जाने जाते हैं, लेकिन अवध और लखनऊ का इतिहास सिर्फ पुरानी इमारतों में नहीं बसा है. यहां की गलियों, पहनावे और रहन-सहन में भी अवध का इतिहास बसता है. इन्हीं सब चीजों के अभिलेख तैयार कर ऑनलाइन म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा. इनकी तस्वीरों में अवध की कहानी और वीडियो में इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उतारा जा रहा है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से अवध पर आधारित ये पहला ऑनलाइन म्यूजियम होगा. उन्होंने बताया कि इस म्यूजियम को शुरुआती चरण में हम दो से तीन हजार फोटो और वीडियो के साथ शुरू कर रहे हैं. बाद में 10 हजार से अधिक फोटो और वीडियो को इसमें जोड़ा जाएगा.

ऑनलाइन म्यूजियम से परिधानों के बारे में भी जानकारी मिलेगी.
ऑनलाइन म्यूजियम से परिधानों के बारे में भी जानकारी मिलेगी.

इमारतों व यहां के पकवानों से जुड़े इतिहास भी बताए जाएंगे : माधवी कुकरेजा ने बताया कि इस ऑनलाइन म्यूजियम को तैयार करने के लिए हम अवध और लखनऊ को साथ लेकर चल रहे हैं. ऑनलाइन म्यूजियम में सिर्फ यहां की ऐतिहासिक इमारतें ही नहीं होंगी, बल्कि इन इमारतों में पुराने दौर के नवाबों, उसके बाद आए लोगों का रहन-सहन कैसा था, यह भी दिखाया जाएगा. साथ ही इस ऑनलाइन म्यूजियम में नवाबों के समय में जो खानपान बनते थे और जो उस समय से लेकर अभी तक चले आ रहे हैं, उनके इतिहास की भी जानकारी फोटो व वीडियो के माध्यम से दी जाएगी. जैसे कोई खास पकवान है उनकी सिर्फ फोटो नहीं बल्कि उनकी शुरुआत कब हुई, उसकी रेसिपी कैसे तैयार की गई, जैसे रोचक किस्से भी इस म्यूजियम में दिखाए जाएंगे. इसके साथ ही हमारे ऑनलाइन म्यूजियम में अवध का कथक, परिधान में कुर्ता-पायजामा, लहंगा, शरारा, गरारा व इसके साथ ही चांदी के वर्क का काम, चिकनकारी, जरदोजी जैसे काम भी शामिल किए जाएंगे. इन सभी का डिजिटली डाक्यूमेंटशन किया जा रहा है, इसमें रिसर्च स्कॉलर को भी शामिल किया गया है. कोई भी व्यक्ति घर पर बैठे ही कई तरह की जानकारियां हासिल कर सकेगा.

यह भी पढ़ें : ऐतिहासिक धरोहरों में लीजिए अवध के जायके का आनंद, मिलेगी खास जानकारी

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