लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण में अवैध निर्माण रोकने को लेकर अब बाबू का राज्य समाप्त हो गया है. अवैध निर्माण की देखरेख को लेकर सुपरवाइजर सिस्टम को खत्म किया गया है. इंजीनियर को ही अब न केवल कार्रवाई करनी होगी, बल्कि समय-समय परअवैध निर्माण का निरीक्षण भी करना होगा. केवल नोटिस तामील करने की जिम्मेदारी चपरासियों को सौंपी है.
शहर में अवैध निर्माण में संलिप्तता की शिकायत पर लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने प्रवर्तन में तैनात सभी सुपरवाइजों को एक साथ हटा दिया है. अब सुपरवाइजरों के स्थान पर प्रत्येक प्रवर्तन जोन में तीन-तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात किए जाएंगे जो सिर्फ नोटिस तामील कराने का काम करेंगे. वहीं अवैध निर्माण की निगरानी की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रवर्तन में तैनात अभियंताओं की होगी.
उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने सभी जोनल अधिकारियों को फील्ड में उतरने की हिदायत देते हुए निर्देशित किया कि अवैध प्लाटिंग के खिलाफ महाभियान चलाया जाए. इसके तहत 15 दिन के अंदर सभी चिह्नित अवैध प्लाटिंग के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए. उन्होंने बताया कि 15 दिन के बाद इसकी दोबारा समीक्षा की जाएगी और इसमें जिन लोगों के क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग मिलेगी उनकी जवाबदेही तय करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाएगी. प्राधिकरण में तैनात चौकी इंचार्ज ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के दौरान मौके पर नहीं जाते हैं. इस पर उपाध्यक्ष ने चौकी इंचार्ज को हटाने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए.
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने गोमतीनगर विस्तार और इकाना स्टेडियम के पीछे अवैध प्लाॅटिंग पर चलाया बुलडोजर