लखनऊः एडीजे पीएम त्रिपाठी ने सीएए और एनआरसी के विरोध में तोड़फोड़ व आगजनी करने के मामले के विवेचक इंस्पेक्टर वीरपाल सिंह को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश मामले में अभियुक्त व प्रसिद्ध शिया धर्मगुरू डॉ. कल्बे सिब्तैन उर्फ नूरी की अर्जी पर दिया है. अर्जी में विवेचक पर झूठा साक्ष्य गढने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है. डॉ. कल्बे सिब्तैन नूरी ने इसके साथ ही अपनी दूसरी अग्रिम जमानत अर्जी भी दाखिल की है. दोनों अर्जियों पर 4 जनवरी को सुनवाई होगी.
शिया धर्मगुरू डॉ. कल्बे सिब्तैन की याचिका पर कोर्ट ने दिया आदेश
अदालत में विवेचक के खिलाफ दाखिल अर्जी पर वकील प्रांशु अग्रवाल का कहना था कि 21 दिसंबर को सत्र अदालत ने नूरी की पहली अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दिया था. विवेचक ने सुनवाई के दौरान जमानत अर्जी का विरोध करते हुए एमसीआर फुटेज में किसी दूसरे व्यक्ति को डॉ. कल्बे सिब्तैन बताकर घटनास्थल पर उनके मौजूद होने की बात कही थी. विवेचक ने अभियुक्त की घटनास्थल पर मौजूदगी की बात मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुष्ट होना भी कहा था. जबकि विवेचक का यह कथन भी सत्य नहीं है. अभियुक्त की ओर से सीआरपीसी की धारा 340 के तहत दाखिल अर्जी में विवेचक को झूठा साक्ष्य देने के लिए दंडित किये जाने की मांग वकील प्रांशु की ओर से की गई. वहीं कल्बे सिब्तैन की ओर से दूसरी अग्रिम जमानत अर्जी भी दाखिल की गई है.
यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 22 दिसंबर 2019 को इस मामले की एफआईआर एसआई राहुल द्विवेदी ने थाना ठाकुरगंज में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक जिले में धारा 144 लगने के बावजूद डॉ. कल्बे सिब्तैन नूरी अन्य मुल्जिमों के साथ सीएए व एनआरसी के विरोध में उग्र प्रदर्शन करते हुए भारी संख्या में एक स्थान पर एकत्रित हुए. ईंट, पत्थर, सुतली बम व असलहा आदि से लैस होकर फायरिंग करते हुए हुसैनाबाद चौकी व सतखंडा पुलिस चौकी में तोड़फोड की. लैपटाप व अन्य सामान चोरी किया तथा वहां खड़ी सरकारी गाड़ियों में आग लगाई.