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कबाड़ की बिक्री से उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को हुई 17.34 करोड़ रुपये की कमाई - उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल

कोविड के दौर में जब ट्रेनों से रेलवे की आय प्रभावित हुई, तो कबाड़ से ही रेलवे ने करोड़ों रुपये की कमाई कर ली. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने कबाड़ की बिक्री की. जिसमें 17.38 करोड़ रुपये की कमाई की है.

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को हुई 17.34 करोड़ रुपये की कमाई
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को हुई 17.34 करोड़ रुपये की कमाई
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Published : Jan 5, 2021, 7:34 AM IST

लखनऊः उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने कबाड़ की बिक्री कर 17.38 करोड़ रुपये की कमाई की. ऐसा तब हुआ जब कोविड के दौर में ट्रेनों से रेलवे की आय काफी प्रभावित थी. दरअसल ये इनकम रेलवे ने बेकार पड़ी कबाड़ बेचकर इकठ्ठा की है.

कबाड़ बेचकर रेलवे ने कमाये 17.34 करोड़ रुपये की कमाई
कबाड़ बेचकर रेलवे ने कमाये 17.34 करोड़ रुपये की कमाई

7011.7 मीट्रिक टन स्क्रैप का किया निस्तारण
उत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ल के मुताबिक, उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबन्धक संजय त्रिपाठी के नेतृत्व और प्रभावी नीतियों, दिशा-निर्देशों के तहत भारतीय रेलवे की ओर से ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम लागू किया गया है. इस र्पोटल पर ई-आक्शन के जरिये लखनऊ मण्डल के भण्डार विभाग ने वित्तीय साल 2020-21 में पिछले साल दिसम्बर महीने तक जो भी कबाड़ था, उसकी बिक्री कर दी. उन्होंने बताया कि रेलवे की वर्कशॉप से लेकर स्टेशनों और कार्यालयों से काफी मात्रा में स्क्रैप निकलता है. जिसकी ब्रिकी से 17.34 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. काफी मात्रा में स्क्रैप की बिक्री हो चुकी है. अब तक करीब 7011.7 मीट्रिक टन स्क्रैप का निस्तारण किया गया है.

कोरोना काल में कबाड़ बेचकर रेलवे ने कमाये करोड़ों रुपये
कोरोना काल में कबाड़ बेचकर रेलवे ने कमाये करोड़ों रुपये
इकठ्ठा किया जा रहा कबाड़सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ला के मुताबिक अभी भी रेलवे की कार्यशालाओं में जो भी स्क्रैप बचा हुआ है, उसे इकट्ठा कराया जा रहा है. ई-ऑक्शन के जरिए स्क्रैप बेचा जायेगा. जिससे रेलवे की आमदनी में इजाफा हो सकेगा. उन्होंने बताया कि स्क्रैप को किसी काम में नहीं लिया जा सकता है. ऐसे में स्क्रैप इकट्ठा कर समय-समय पर ई-ऑक्शन के माध्यम से बिक्री कर दी जाती है.

लखनऊः उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने कबाड़ की बिक्री कर 17.38 करोड़ रुपये की कमाई की. ऐसा तब हुआ जब कोविड के दौर में ट्रेनों से रेलवे की आय काफी प्रभावित थी. दरअसल ये इनकम रेलवे ने बेकार पड़ी कबाड़ बेचकर इकठ्ठा की है.

कबाड़ बेचकर रेलवे ने कमाये 17.34 करोड़ रुपये की कमाई
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7011.7 मीट्रिक टन स्क्रैप का किया निस्तारण
उत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ल के मुताबिक, उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबन्धक संजय त्रिपाठी के नेतृत्व और प्रभावी नीतियों, दिशा-निर्देशों के तहत भारतीय रेलवे की ओर से ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम लागू किया गया है. इस र्पोटल पर ई-आक्शन के जरिये लखनऊ मण्डल के भण्डार विभाग ने वित्तीय साल 2020-21 में पिछले साल दिसम्बर महीने तक जो भी कबाड़ था, उसकी बिक्री कर दी. उन्होंने बताया कि रेलवे की वर्कशॉप से लेकर स्टेशनों और कार्यालयों से काफी मात्रा में स्क्रैप निकलता है. जिसकी ब्रिकी से 17.34 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. काफी मात्रा में स्क्रैप की बिक्री हो चुकी है. अब तक करीब 7011.7 मीट्रिक टन स्क्रैप का निस्तारण किया गया है.

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इकठ्ठा किया जा रहा कबाड़सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ला के मुताबिक अभी भी रेलवे की कार्यशालाओं में जो भी स्क्रैप बचा हुआ है, उसे इकट्ठा कराया जा रहा है. ई-ऑक्शन के जरिए स्क्रैप बेचा जायेगा. जिससे रेलवे की आमदनी में इजाफा हो सकेगा. उन्होंने बताया कि स्क्रैप को किसी काम में नहीं लिया जा सकता है. ऐसे में स्क्रैप इकट्ठा कर समय-समय पर ई-ऑक्शन के माध्यम से बिक्री कर दी जाती है.
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