लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court Lucknow Bench) ने प्रदेश और खास तौर पर राजधानी के पुलिस थानों में सीसीटीवी के काम न करने को अत्यंत चिंता का विषय बताया है. न्यायालय ने कहा कि हमें बताया गया है कि डीजीपी ने सभी थानों को सीसीटीवी से कवर करने का आदेश दे रखा है. बावजूद इसके यह कुछ ही दिनों में दूसरी बार है जबकि हमें बताया गया कि राजधानी के एक थाने के सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ इस सम्बन्ध में लखनऊ के पुलिस कमिश्नर से रिपोर्ट भी तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 20 सितम्बर को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चन्द्रा व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने रजत बाजपेई की याचिका पर पारित किया है. याची का कहना है कि उसे चिनहट थाने के कुछ पुलिसकर्मियों ने 22 जुलाई को बेतहाशा मारा-पीटा था. याची के अनुसार पुलिसकर्मियों का कहना था कि उसकी बाइक मटियारी तिराहे पर नो पार्किंग में खड़ी थी जिसकी वजह से ट्रैफिक में रुकावट आ रही थी, इतनी सी बात को लेकर उसे पीटा गया. वहीं याचिका के विरोध में एसीपी (ईस्ट) की जांच रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर की ओर से दाखिल की गई.
उक्त रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों के बयानों के हवाले से बताया गया है कि याची से बाइक हटाने के लिए कहने पर उसने पुलिसकर्मियों से बदसलूकी की और बीच सड़क पर ही धरने पर बैठ गया. जांच रिपोर्ट के अनुसार उसे सड़क से हटाकर पुलिस की गाड़ी में बलपूर्वक ले जाना पड़ा, इसी वजह से याची को चोटें आईं. हालांकि न्यायालय इस जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुई. न्यायालय ने कहा कि मेडिकल में साफ तौर पर आया है कि याची को कठोर और कुन्द हथियार से मारा-पीटा गया है.
न्यायालय ने यह भी पाया कि दो पुलिसकर्मी राहुल कुमार और विशाल सिंह जो थाने में सादी वर्दी में आए थे, वे याची को चिनहट थाने के लॉकअप से बाहर लेकर गए थे जबकि एसीपी की जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उक्त दोनों पुलिसकर्मी सादी वर्दी में याची को लॉकअप से बाहर क्यों ले गए थे. वहीं थाने की सीसीटीवी फुटेज के सम्बन्ध में कहा गया कि थानों में सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे (Non functional CCTV Cameras in UP Police Stations) थे.
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