लखनऊ : ग्रेटर नोएडा में तैनात उपश्रम आयुक्त को एक जापानी कंपनी से वसूली के मामले में सीएम कार्यालय से हुई शिकायत के बाद निलंबित कर दिया गया है. गौतम बुद्ध नगर के उप श्रमायुक्त धर्मेंद्र कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी निवेशकों से खुद बात नहीं की और न ही समय दिया. मामले को निपटाने के लिए अधीनस्थों को लगा दिया. आरोप है कि इन्हीं अधीनस्थों ने वसूली का खेल शुरू कर दिया. दरअसल, जापान की एक कंपनी ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस पूरे प्रकरण की शिकायत की थी. मामले में उपश्रम आयुक्त कार्यालय के लिपिक को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. अनु सचिव दिलीप कुमार शुक्ल द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि धर्मेंद्र सिंह ने अपने दायित्वों के निर्वाह में शिथिलता बरती है. ऐसे में उन्हें निलंबित कर मुख्यालय कानपुर से संबद्ध कर दिया गया है.
इस पूरे मामले में जापानी कंपनी ने ईमेल के माध्यम से यूपी सरकार से इस पूरे प्रकरण की शिकायत की थी. 9 जनवरी को शिकायत के बाद कानपुर में तैनात अफसरों ने इस पूरे मामले की जांच शुरू करा दी. जिसके बाद उपश्रम आयुक्त धर्मेंद्र कुमार सिंह के लापरवाही बरतने के आरोप सही पाए गए. जांच के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारी धर्मेंद्र सिंह पर करवाई करने के निर्देश दिए थे. जांच में पाया गया है कि विदेशी निवेशकों से धर्मेंद्र सिंह की तरफ से मीटिंग के लिए समय तय करने पर मुलाकात नहीं की जा रही थी, साथ ही मिलने पर उनका व्यवहार भी ठीक नहीं होता था. यही नहीं उनके साथ तैनात लेबर इंस्पेक्टर पर वसूली किए जाने की बात सामने आई है. इस पूरे मामले की शिकायत के बाद यूपी सरकार ने एक्शन लिया है.
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में 10 से 12 फरवरी तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हो रहा है. इसको लेकर प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही हैं. साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए विदेश से हर संभव निवेश को प्रदेश में लाने की कोशिश में जुटी हुई है.