लखनऊ : एक नवंबर से उत्तर प्रदेश में यातायात माह की शुरुआत (start of traffic month) की चुकी है. यातायात माह में कमिश्नरेट की लखनऊ पुलिस ने बेतरतीब यातायात को सुधारने के लिए अभियान चला रही है. कार्य योजना के तहत जिन चौराहों पर यातयात नियमों का पालन सुनिश्चित नहीं हो पाता है, वहां पर विशेष फोकस रहेगा. व्यस्तम चौराहों पर ट्रैफिक और सिविल पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के प्रयास किया जाएगा.
यातायात नियमों का पालन (follow traffic rules) कराने के आज कई वाहन चालकों के विरुद्ध चालान की कार्रवाई की गई. अभियान के दौरान 1475 वाहनों का चालान करके 26 लाख 43 हजार 500 रुपए का राजस्व एकत्र किया गया. नो पार्किंग के अंतर्गत कुल 502 वाहनों के चालान किए गए. डीसीपी ट्रैफिक राईस अख़्तर ने बताया कि एक नवंबर से यातायात माह की शुरुआत हो गई है. नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई के साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जाएगा.
यातायात माह के दौरान ओवर स्पीड वाहनों और ट्रिपल सवारी, गाड़ी ड्राइव करते मोबाइल के इस्तेमाल पर कार्रवाई होगी. स्कूली वाहनों की फिटनेस और ड्राइवर का परीक्षण किया जाएगा. स्कूलों के बाहर ट्रैफिक सुधार, ऑटो टैंपो के खिलाफ अभियान, आगे सीट पर सवारी बैन, प्रबंधित रूट पर ई रिक्शा, सड़क किनारे नो पार्किंग, नगर निगम की 16 क्रेनों की मदद से वाहन जब्त किए जाएंगे, स्कूलों और तमाम चौराहों पर सुरक्षित ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर जागरूकता अभियान के बाबत सभी पुलिस अधिकारियों और ट्रैफिक पुलिस को जिम्मेदारी सौपी गई है.
इन बिंदुओं पर नहीं होता काम : ट्रैफिक लाइट (Traffic Light) से यातायात का संचालन नहीं, चौराहों पर डिवाइडर ठीक से नहीं बने हैं.जेब्रा क्रासिंग का प्रयोग न के बराबर होता है. ऑटो और रिक्शे खड़े होने में 100 और 50 मीटर की दूरी का पालन नहीं. दुकानों के बाहर अतिक्रमण. रोड साइड पर बेकार खंभे. अनियंत्रित तरीके से वाहनों का निकलना. वहीं यातायात सुधारने की दिशा में प्रत्येक साल अभियान चलाया जाता है, लेकिन शहरवासियों को जाम और अवैध पार्किंग से निजात आज तक नहीं मिल पाई है. शहर में ई-रिक्शा अब सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं. देखना है कि इस बार यातायात माह का अभियान नवाबों के शहर को इन समस्याओं से कितना निजात दिलाता है.