लखनऊः बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में 26 जनवरी को डॉ. अम्बेडकर के चित्र के अपमान को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पिछले 36 घंटे से धरने पर बैठे दलित छात्र-छात्राओं ने ऐलान किया है कि आरोपी छात्रा के खिलाफ कार्रवाई होने तक धरना जारी रहेगा. दूसरी ओर शनिवार को भी दलित छात्रों को समझाने के बीबीएयू प्रशासन के सारे प्रयास विफल हो गए हैं.
अम्बेडकर भवन स्थित प्रशासनिक कार्यालय के समक्ष दलित छात्रों का धरना शनिवार को भी जारी रहा. आंदोलित दलित छात्र-छात्राओं का आरोप है कि 26 जनवरी को संघ मित्रा विस्तार छात्रावास में सरस्वती पूजन का कार्यक्रम रात में आयोजित किया गया था. उस दौरान एक छात्रा ने डॉ.अम्बेडकर का अपमान किया. उसने उनकी आरती की जगह उनकी चित्र को हटा दिया. इसका विरोध करने पर आरोपी छात्रा ने कहा कि बकवास नहीं करो और डॉ. अम्बेडकर के चित्र को उठा कर किनारे फेंक दिया. उनकी मांग है कि आरोपी छात्रा सार्वजनिक रूप से माफी मांगे. साथ ही बीबीएयू प्रशासन छात्राओं को एक सेमेस्टर के लिए डिबार करें.
उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन आरोपी छात्राओं को बचाने का प्रयास कर रहा है. बीबीएयू प्रशासन तब तक उनकी मांग नहीं पूरा करता है, तब तक उनका धरना जारी रहेगा. साथ ही आंदोलित छात्र-छात्राओं का दावा है कि उनका समर्थन बढ़ता जा रहा है और भी छात्र-छात्राएं उनसे जुड़े रहे हैं. दलित छात्र-छात्राएं शनिवार को भी अम्बेडकर भवन पर जमे रहे.
चीफ प्रॉक्टर ने कहा अपमान के नहीं मिले सबूत: बीबीएयू के प्राक्टर प्रो. बीबी मलिक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी दिन में आंदोलित छात्र-छात्राओं को समझाने गए. उन्होंने छात्रों को काफी मनाने का प्रयास किया. उनको भरोसा दिया कि घटना की विस्तार से जांच कराई जाएगी. दोषी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन आंदोलित छात्र-छात्राएं नहीं माने. उनकी एक ही शर्त थी कि आरोपी छात्रा माफी मांगे और उसे एक सेमेस्टर के लिए डिबार किया जाए. दूसरी ओर विवि के प्राक्टर प्रो. बीबी मलिक का कहना है कि अभी तक की जांच में डॉ. अम्बेडकर के चित्र के साथ अपमान के सबूत नहीं मिले हैं. हां कार्यक्रम में दोनों पक्षों के बीच कुछ तनातनी की बात जरुर समाने आई है. ऐसे में किसी भी छात्रा के खिलाफ डिबार जैसी कार्रवाई कैसे की जा सकती है.