लखनऊ: राजधानी में कोरोना मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. बिना ऑक्सीजन वाले निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल घोषित कर दिया है और फोन नंबर भी जारी कर दिए हैं. वहीं, जब परिजनों ने कोरोना मरीज को भर्ती करने के लिए फोन किया तो ऑक्सीन न होने के बात कहकर अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए.
बिना निरीक्षण के 17 निजी अस्पतालों को कोविड में तब्दील
जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान योजना से सम्बद्ध 17 निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल में तब्दील होने का दावा किया है. बिना स्थलीय निरीक्षण के इन सभी अस्पतालों को कोविड में बदल दिया गया और नंबर भी जारी कर दिए गए. इसमें कई ऐसे अस्पतालों में वेंटीलेटर खाली दिखाए गए. वहीं, निजी अस्पताल के प्रभारियों का कहना है कि बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के मरीज किस तरह भर्ती करें. जिला प्रशासन से सिलेंडर दिलाए जाने का अनुरोध किया गया है, मगर सिलेंडर नहीं मिल पाए हैं. वहीं, इस मामले में सीएमओ डाॅ. संजय भटनागर ने चुप्पी साध ली.
इन्हें नहीं किया भर्ती
- अलीगंज निवासी कंचन 60 कोरोना पाॅजिटिव है. वह चार दिन से नाॅन कोविड अस्पताल में भर्ती हैं. मरीज को अब वेंटीलेटर स्पोर्ट की जरूरत है. नए निजी कोविड अस्पतालों में दिए गए नंबर पर काॅल किया लेकिन सभी जगह से ऑक्जसीन न होने का जवाब मिला.
- निराला नगर की निजी पैथोलाॅजी से संतोष 56 ने कोरोना की जांच कराई. करीब तीन दिन पहले रिपोर्ट पाॅजिटिव आई. शनिवार को उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई. इसके बाद उनके परिजनों ने नए निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन स्पोर्ट वाले बेड के लिए संपर्क किया. लेकिन अस्पताल ने ऑक्सीजन न होना बताकर मना कर दिया.
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निजी एम्बुलेंस का किराया महंगा
शहर में 700 के करीब निजी एम्बुलेंस हैं. इनमें पहले 8- से 10 किमी के 1500 से 2000 रुपये किराये के लिए जाते थे. वहीं, अब 3 से पांच हजार तक रुपये वसूल रहे हैं. गैर जनपद के लिये 15 के बजाये 18 रुपये प्रति किमी चार्ज वसूला जा रहा है.