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'सरकार चीन से बातचीत कर सकती है तो पाकिस्तान से क्यों नहीं', अमित शाह के बयान बोले अब्दुल्ला - Jammu Kashmir Election 2024

Jammu Kashmir Election 2024 Farooq Abdullah: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत करने का मुद्दा उठाया है. साथ ही अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

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चुनावी सभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 22, 2024, 7:42 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत करने का मुद्दा उठाया है. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब भारत सरकार चीन से बातचीत कर सकती है तो वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान से बात क्यों नहीं करती.

श्रीनगर में चुनाव प्रचार के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "वे (मोदी सरकार) चीन से बातचीत करते हैं, जिसने हमारी 2000 किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है और अपने कब्जे का विस्तार कर रहा है, वे पाकिस्तान से बातचीत क्यों नहीं करते. क्या कारण है? बातचीत ही इसका समाधान है. हम कब तक आतंकवाद में जीते रहेंगे. कब तक हमारे लोग मारे जाते रहेंगे."

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राजौरी और पुंछ जिलों में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियों के दौरान दिए गए बयानों पर उन्होंने यह टिप्पणी की. शाह ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान से बातचीत का सुझाव देने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधा था.

अनुच्छेद 370 पर अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने कहा, "गृह मंत्री को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 के पक्ष में पहले भी तीन फैसले दिए हैं. हम इसकी बहाली के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे."

राहुल गांधी की चुनावी रैली में शामिल नहीं होंगे...
एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि वह सोमवार को श्रीनगर में राहुल गांधी की चुनावी रैली में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि वह खुद राजौरी में होंगे. इस सवाल के जवाब में कि क्या वह सोमवार को श्रीनगर में राहुल गांधी की रैली में शामिल होंगे. अब्दुल्ला ने ईटीवी भारत से कहा, "मैं बुधल (राजौरी) में रहूंगा. मुझे नहीं पता कि मेरे पास समय है या नहीं."

तारिक हमीद कर्रा के समर्थन में राहुल की रैली
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार 23 सितंबर को कांग्रेस उम्मीदवार तारिक हमीद कर्रा के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए श्रीनगर में होंगे. कांग्रेस ने गठबंधन उम्मीदवार के लिए चुनावी रैली में शामिल होने के लिए फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को आमंत्रित किया है. कर्रा श्रीनगर से गठबंधन के उम्मीदवार हैं, लेकिन टिकट न मिलने के कारण एनसी के बागी नेता इरफान शाह यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.

इस बीच, एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि वह रैली में राहुल गांधी के साथ शामिल होंगे या नहीं. उमर ने कहा कि यह अच्छी बात है कि राहुल श्रीनगर पहुंच रहे हैं और कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे हैं.

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह चुनाव प्रचार में राहुल गांधी के साथ शामिल होंगे, तो उन्होंने कहा, "उन्हें अपने उम्मीदवारों के समर्थन में जितनी संभव हो सके उतनी रैलियां करनी चाहिए. जब भाजपा के सभी शीर्ष नेता रैलियों के लिए जम्मू में डेरा डाले हुए हैं, तो यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं."

एनसी और कांग्रेस 83 सीटों पर गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं और 5 सीटों पर दोनों दलों ने उम्मीदवार उतारे हैं और इससे दोस्ताना मुकाबला बताया गया है. हालांकि, दोनों पार्टियों के बागी नेता कुछ सीटों पर गठबंधन उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने जहां अपने बागियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, वहीं एनसी ने अभी तक अपने बागियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में अमित शाह ने आतंकवाद पर कहा- गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत करने का मुद्दा उठाया है. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब भारत सरकार चीन से बातचीत कर सकती है तो वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान से बात क्यों नहीं करती.

श्रीनगर में चुनाव प्रचार के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "वे (मोदी सरकार) चीन से बातचीत करते हैं, जिसने हमारी 2000 किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है और अपने कब्जे का विस्तार कर रहा है, वे पाकिस्तान से बातचीत क्यों नहीं करते. क्या कारण है? बातचीत ही इसका समाधान है. हम कब तक आतंकवाद में जीते रहेंगे. कब तक हमारे लोग मारे जाते रहेंगे."

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राजौरी और पुंछ जिलों में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियों के दौरान दिए गए बयानों पर उन्होंने यह टिप्पणी की. शाह ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान से बातचीत का सुझाव देने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधा था.

अनुच्छेद 370 पर अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने कहा, "गृह मंत्री को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 के पक्ष में पहले भी तीन फैसले दिए हैं. हम इसकी बहाली के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे."

राहुल गांधी की चुनावी रैली में शामिल नहीं होंगे...
एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि वह सोमवार को श्रीनगर में राहुल गांधी की चुनावी रैली में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि वह खुद राजौरी में होंगे. इस सवाल के जवाब में कि क्या वह सोमवार को श्रीनगर में राहुल गांधी की रैली में शामिल होंगे. अब्दुल्ला ने ईटीवी भारत से कहा, "मैं बुधल (राजौरी) में रहूंगा. मुझे नहीं पता कि मेरे पास समय है या नहीं."

तारिक हमीद कर्रा के समर्थन में राहुल की रैली
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार 23 सितंबर को कांग्रेस उम्मीदवार तारिक हमीद कर्रा के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए श्रीनगर में होंगे. कांग्रेस ने गठबंधन उम्मीदवार के लिए चुनावी रैली में शामिल होने के लिए फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को आमंत्रित किया है. कर्रा श्रीनगर से गठबंधन के उम्मीदवार हैं, लेकिन टिकट न मिलने के कारण एनसी के बागी नेता इरफान शाह यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.

इस बीच, एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि वह रैली में राहुल गांधी के साथ शामिल होंगे या नहीं. उमर ने कहा कि यह अच्छी बात है कि राहुल श्रीनगर पहुंच रहे हैं और कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे हैं.

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह चुनाव प्रचार में राहुल गांधी के साथ शामिल होंगे, तो उन्होंने कहा, "उन्हें अपने उम्मीदवारों के समर्थन में जितनी संभव हो सके उतनी रैलियां करनी चाहिए. जब भाजपा के सभी शीर्ष नेता रैलियों के लिए जम्मू में डेरा डाले हुए हैं, तो यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं."

एनसी और कांग्रेस 83 सीटों पर गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं और 5 सीटों पर दोनों दलों ने उम्मीदवार उतारे हैं और इससे दोस्ताना मुकाबला बताया गया है. हालांकि, दोनों पार्टियों के बागी नेता कुछ सीटों पर गठबंधन उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने जहां अपने बागियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, वहीं एनसी ने अभी तक अपने बागियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में अमित शाह ने आतंकवाद पर कहा- गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा

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