लखनऊ: राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लखनऊ पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर किया जा सके, इसके लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू किया गया है. चालान करने के लिए 'ई चालान एप' की मदद ली जा रही है, जिससे ट्रैफिक वायलेशन करने वालों का ई-चालान आसानी से किया जा सके.
बीते दिनों ई-चालान को लेकर बड़े पैमाने पर शिकायतें मिल रही थीं. कहीं पर चार पहिया गाड़ी का हेलमेट का चालान हो रहा था, तो कहीं दो पहिया गाड़ी के सीट बेल्ट का ई चालान हो रहा था. हालांकि ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि e-challan में हो रही गड़बड़ियों में पूरी तरह से सुधार कर लिया गया है. अक्टूबर में अभी तक एक भी गलत ई-चालान की शिकायत नहीं मिली है.
अधिकारियों का कहना है कि गलत ई-चालान को लेकर जहां एक ओर सुधारात्मक कार्रवाई की गई. वहीं इस ओर भी प्रयास किए गए कि गलत ई-चालाना न हो. इसको लेकर बीते दिनों पुलिस कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई गई, जिसका फायदा मिला और अब गलत ई चालान की शिकायतें नहीं मिल रही हैं. एडीसीपी पूर्णेन्दु सिंह ने बताया अक्टूबर में अब तक एक भी गलत ई-चालान की शिकायत नहीं मिली है.
कर्मचारियों की कराई गई ट्रेनिंग
ई-चालान करने के लिए ट्रैफिक कर्मचारियों को एक एप उपलब्ध कराया गया, जिसकी मदद से ई-चालान काटे जा रहे हैं. ट्रैफिक कर्मचारियों के साथ-साथ 700 सब इंस्पेक्टरों को भी ई-चालान करने के लिए ऐप उपलब्ध कराया गया, लेकिन पुलिस कर्मचारियों की ट्रेनिंग न होने के चलते ई-चालान करने में गलतियां हुईं. बीते दिनों लखनऊ पुलिस ने सात-सात दिनों के दो सत्रों में पुलिस कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई. इसके बाद अब गलत ई-चालान को लेकर शिकायतें नहीं मिल रही हैं.
तीन महीने में मिली थी 300 शिकायतें
एडीसीपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह ने बताया कि पिछले 3 महीने में लगभग 300 गलत ई-चालान के संदर्भ में जानकारी मिली थी. वहीं सितंबर की शुरुआत में भी कई दर्जन शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद सत्र चलाकर चालान करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई.
जानें क्या थी गलतियों की वजह
एडीसीपी पूर्णेन्दु सिंह ने बताया कि ऐप में ट्रैफिक वायलेशन के संदर्भ में ऑप्शन सेलेक्ट कर फीड करना होता है. कर्मचारी द्वारा ऑप्शन फीड करते समय और वाहन के फोटो खींचकर ऐप में अपलोड किए जाते हैं. वाहन की नंबर प्लेट पर दर्ज रजिस्ट्रेशन नंबर को भी ऐप में फीड किया जाता है. कई बार नंबर प्लेट पर अंकित नंबर को पढ़ने, उसे ऐप में भरते समय कर्मी से गलतियां हो जाती हैं, जिससे गलत ई-चालान हो जाता है.
वहीं कई बार नंबर सही भरने पर वायलेशन ऑप्शन चुनने में कर्मचारी से गलती होती है. ऐप में सभी ट्रैफिक वायलेशन के लिए ऑप्शन दिया गया है. पुलिसकर्मी द्वारा सूचनाएं भरते समय गलत ऑप्शन सेलेक्ट हो जाने से गलत ई चालान होते हैं. इस तरह की गलतियां न हों इस बात के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है, जिसके लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.