लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण के रिकॉर्ड सेक्शन में कंप्यूटर पर दर्ज भूखंड आवंटन से संबंधित कई पत्रावलियों में छेड़छाड़ की गई और करीब 500 भूखंड के कागजातों में हेराफेरी करके बड़ा भूखंड घोटाला अंजाम दिया गया. दो निजी कम्पनियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई. वहीं विकास प्राधिकरण में इन रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी संभालने वाले संयुक्त सचिव एग्जिक्यूटिव सिस्टम एसबी भटनागर पर तमाम तरह के आरोप भी लगे हैं. पिछले दिनों जांच में उन्हें दोषी भी पाया गया था. बावजूद इसके अभी भी उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.
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प्राधिकरण के स्तर पर हुई लापरवाही
संयुक्त सचिव रहे एसबी भटनागर पिछले महीने प्राधिकरण से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से कंपनियों को सुरक्षित रखने और डाटा को दर्ज करने का काम करने वाली कंपनी डीजी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. बावजूद इसके अभी तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर सब चुप्पी साधे हैं. हालांकि यह दावा जरुर किया जा रहा है कि कार्रवाई होगी.
बिना एलॉटमेंट के ही दर्ज हो गए नाम
भूखंड आवंटन के इस घोटाले में बिना एलॉटमेंट के ही लोगों के नाम दर्ज कर दिए गए और जिन लोगों के नाम पर प्लॉट आवंटन हुए थे उनके नाम ही मूल रिकॉर्ड से यानी कंप्यूटर सेक्शन से गायब कर दिया गया. 496 फाइलों में छेड़छाड़ की गई.
जिम्मेदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि हम हर स्तर पर जांच कर रहे हैं. प्रथम दृष्टया कंपनी के प्रतिनिधियों के स्तर पर लापरवाही की गई थी. कंप्यूटर के रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की बात सामने आई है, इसलिए कंपनियों पर एफआईआर कराई गई है. साथ ही जितने भी अधिकारी और कर्मचारी या अभियंता इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
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