लखनऊ : कुछ माह पूर्व कौशल विकास मिशन नए और प्रतिभाशाली प्रशिक्षण भागीदारों को मिशन से जोड़ने के लिए स्टार्टअप पॉलिसी लेकर आया था. इसके तहत करीब सौ प्रशिक्षण भागीदारों को टारगेट दे दिया गया था, जबकि लगभग सवा तीन सौ प्रशिक्षण भागीदारों को टारगेट मिलना शेष रह गया था. टारगेट मिलने की आस में इन लोगों ने अपने-अपने जिलों में केंद्र बनाकर शिक्षकों वह अन्य कर्मचारियों की भर्ती भी शुरू कर दी थी. कुछ लोगों ने सेंटर के लिए भवन किराए पर ले लिए, किंतु टारगेट दिए जाने में विलंब के कारण यह ट्रेनिंग पार्टनर परेशान थे. इस संबंध में मिशन निदेशक रमेश रंजन का कहना है कि 'टारगेट वितरित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है और शीघ्र ही लोगों को इसकी सूचना मिल जाएगी.'
गौरतलब है कि कौशल विकास मिशन से नए प्रशिक्षण भागीदारों को जोड़ने के लिए न्यू स्टार्टअप पॉलिसी लाई गई थी, जिसके तहत मानकों पर फिट पाए गए लोगों को दस लाख का डिमांड ड्राफ्ट मिशन के नाम जमा करना था. जिन लोगों ने समय सीमा में अपने आवेदन कर प्रक्रिया पूरी कर ली है, उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद चयन कर टारगेट दिया जाएगा. मिशन निदेशक रमेश रंजन का कहना है कि 'सभी आवेदन पत्रों का परीक्षण कर लिया गया है और सही पाए गए आवेदकों को लक्ष्य आवंटित करने की सूचना शीघ्र ही दे दी जाएगी. वह कहते हैं कि कौशल विकास मिशन का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार के अवसर दिलाना है.'
अग्रिम भुगतान की प्रक्रिया शीघ्र होगी शुरू : इसी वर्ष 24 जुलाई को कौशल विकास मिशन संचालन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक मुख्य सचिव के साथ हुई थी. बैठक में किए गए निर्णय के अनुसार फ्लैक्सी पार्टनर्स को 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान किया जाना था, किंतु काफी समय बीत जाने के बावजूद इस दिशा में कोई प्रगति क्यों नहीं हो पा रही है? इस पर मिशन निदेशक कहते हैं कि भुगतान के लिए पोर्टल के सॉफ्टवेयर में सुधार होना था, जिस पर nic काम कर रहा है. ट्रायल के दौरान सॉफ्टवेयर में कुछ खामियां मिलीं थीं, जिनमें सुधार के लिए कहा गया है. दुरुस्त होते ही भुगतान प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी. मिशन में बड़ी संख्या में प्रशिक्षण भागीदारों के भुगतान लंबित होने के विषय में मिशन निदेशक रमेश रंजन कहते हैं कि 'भुगतान प्रक्रिया का आरंभ हो चुकी है. प्रतिदिन यथासंभव बिलों का भुक्तान किया जा रहा है. वह कहते हैं कि बिलों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए थोड़ा वक्त लग रहा है.'
कुछ माह पूर्व प्रशिक्षण दाताओं के 4600 बैच रिवर्ट किए गए थे. इन्हें दोबारा डेट दी जानी थी, किंतु अब तक ऐसा हो नहीं सका है. इस सवाल पर मिशन निदेशक ने कहा कि 'वह इसे दिखाकर यथोचित कार्रवाई करेंगे. टार्गेट टॉपअप को लेकर भी काम किया जा रहा है और बहुत जल्द नियमानुसार लोगों को नए टारगेट दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि ड्राप आउट पॉलिसी पहले से बनी हुई है और इस दायरे में आने वाले लोगों को पॉलिसी का नाम दिया जा रहा है. मिशन निदेशक ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को तकनीकी और रोजगार परक प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाएं.'