लखनऊ: कोरोना ने भले ही देशवासियों का ध्यान हेल्थ सेक्टर की ओर खींचा हो. मगर, यूपी में जानलेवा इंसेफ्लाइटिस वर्षों से कमजोर चिकित्सकीय सेवाओं पर प्रहार करता रहा. पूर्वांचल में हजारों बच्चों की मौतों की चीखें हर साल दिल्ली के सदन में गूंजती रहीं, मगर समस्या से निजात दिलाने के नाम पर सभी मौन रहे. वहीं यूपी में योगी सरकार आते ही इंसेफ्लाइटिस के कारकों पर वार शुरू कर दिए गए. साथ ही कोरोना मैनेजमेंट की सधी रणनीति ने भी लोहा मनवाया. पिछले चार साल में कई मेडिकल कॉलेज-अस्पताल खुले.
57 सीएचसी-54 पीएचसी बनीं, टेली रेडियोलोजी सेवा शुरू
प्रदेश में वर्तमान में 937 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) संचालित हैं. 57 नई सीएचसी बन चुकी हैं. वहीं सरकार 29 नए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण करा रही है. ऐसे ही राज्य में 3691 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) का संचालन हो रहा है. इसमें 52 नई पीएचसी बनीं. साथ ही 114 नए केंद्रों का निर्माण हो रहा है. नए केंद्र बनने से गांवों में इलाज की व्यवस्था में सुधार होगा. इसके अलावा 174 जिला, संयुक्त अस्पताल हैं. कुल 354 केंद्रों पर टेली रेडियोलॉजी सुविधा शुरू की गई.
जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन, डायलिसिस सुविधा
राज्य के 75 जनपदों में से 46 जनपदों में केंद्र सरकार की मदद से डायलिसिस सुविधा पीपीपी मॉडल पर शुरू की गई. इसमें अभी तक 63, 89 ,98 लोगों ने डायलिसिस कराई. वहीं 56 जनपदों में पीपीपी मॉडल पर सीटी स्कैन यूनिट स्थापित की गई. इसमें अब तक 4,58,967 लोगों ने जांचें करवाई हैं. वहीं 28 जनपद में टेलीमेडिसिन सेवा के जरिए 4,61,249 और संजीवनी कंसल्टेशन से नौ लाख से अधिक ने घर बैठे कोरोना कॉल में इलाज कराया.
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यह भी जानें
- ग्रामीण व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर रविवार मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला शुरू हुआ, 26 लाख से अधिक लोगों को इलाज मिला.
- 75 जनपदों में वेंटीलेटर युक्त 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का संचालन किया गया.
- 53 जनपदों में 170 मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन किया गया.
- पीजीआई में रोबोटिक सर्जरी शुरू, केजीएमयू में लिवर ट्रांसप्लांट शुरू हुआ
- पांच हजार से ज्यादा हेल्थ वेलनेस सेंटरों का हो रहा निर्माण.