लखनऊ :उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां पर स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस पैन कार्ड के कलर की तरह कर दिया गया है.आसमानी कलर का स्मार्ट कार्ड शनिवार से प्रदेश के छहजिलों में जारी होना शुरू हो गया है.खास बात ये है कि अब ड्राइविंग लाइसेंस आरटीओ कार्यालय से जारी न होकर सीधे परिवहन आयुक्त मुख्यालय से जारी होंगे.इसके लिए विभाग ने सेंट्रलाइज्ड प्रिंटिंग रूम मुख्यालय पर स्थापित कर दिया है.नोएडा और बाराबंकी के दो स्मार्ट कार्ड शनिवारसे प्रिंट भी हुए.ड्राइविंग लाइसेंस में परिवहन विभाग ने कई सारे बदलाव भी किए हैं जो निश्चित तौर पर काबिले तारीफ हैं.
देश में कुल 29 राज्य हैं. अभी तक 29 राज्य में अलग-अलग कलर और अलग-अलग डिजाइन के ड्राइविंग लाइसेंस जारी होते थे.किसी राज्य में दोनों तरफ लाइसेंस प्रिंट होते थे, तो किसी में इनका लेआउट अलग होता था.मगर भारत सरकार ने एकमार्च को नोटिफिकेशन जारी कर सभी राज्यों के लिए एक कलर और एक डिजाइन के ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के आदेश दिए थे.इसके बाद उत्तर प्रदेश में शनिवारसे यह व्यवस्था लागू हो गई है.देश के सभी राज्यों में एक अक्टूबर तक इस व्यवस्था को लागू करना है.
ड्राइविंग लाइसेंस के नए रूप और आकार के बारे में 'ईटीवी भारत' से बातचीत करते हुए मुख्यालय पर तैनात आरटीओ (आईटी सेल) संजय नाथ झा ने बताया कि इस बार ड्राइविंग लाइसेंस में एक खास विकल्प इमरजेंसी नंबर का जोड़ा गया है.अब आवेदक को एक इमरजेंसी नंबर डालना होगा, जिसका फायदा अगर कोई दुर्घटना होती है तो उस समय मिलेगा.इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस केपीछे की तरफ यह भी कॉलम बनाए गए हैं ताकि जो दिव्यांगगाड़ी चलाएगा, उसका रजिस्ट्रेशन नंबर भी यहां दर्ज होगा.
दिव्यांग वही गाड़ी चला सकेगा,जिसपर वैधता दर्ज होगी. वहींजो पेट्रोलियम पदार्थ ढोने वाली गाड़ियां होती हैं, उनके लिए अब तक वैधता तय नहीं थी, लेकिन पहली बार उनकी वैधता तय की गई है.लाइसेंस में क्यूआर कोड भी दिया गया है, जिससे लाइसेंस पूरी तरह सुरक्षित है.आरटीओ संजय नाथ झा बताते हैं कि एक ही जगह से पूरे प्रदेश के लाइसेंस प्रिंट होने से आरटीओ कार्यालय में होने वाली धांधली पर भी रोक लगेगी.उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी लखनऊ आरटीओ कार्यालय, देवा रोड एआरटीओ कार्यालय, बाराबंकी, गाजियाबाद, उन्नाव और हरदोई में यह सुविधा शुरू की गई है.15 अप्रैल तक कोशिश है कि सभी जिलों में इसी तरह के सेंट्रलाइज्ड लाइसेंस प्रिंट होने लगेंगे.
एक और खास बात यह है कि आवेदक अपने लाइसेंस को ट्रैक भी कर सकेंगे.वहलाइसेंस कहां पहुंचा है, इसका स्टेटस भी घर बैठे जान सकेंगे। इसके अलावा जनता को विभाग ने एक और बड़ी राहत दी है.अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन के समय विभाग आवेदक से 30 रुपए का एक लिफाफा लगवाता था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है.इससे आवेदक को सीधे तौर पर 30 रुपएका फायदा होगा.इसके अलावा विभाग जब आवेदक का लाइसेंस घर भेजेगा तो साथ में एक बधाई संदेश और सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों की भी जानकारी देगा.10 दिन के अंदर लाइसेंस घर नहीं पहुंचाने पर विभाग फॉर्म पर प्रतिदिन पांच रुपएका जुर्माना लगाएगा.