लखनऊ: यूपी में मच्छरों का हमला जारी है. ऐसे में डेंगू का प्रकोप थमता नहीं दिख रहा है. पिछले 24 घंटे में 210 केस केस रिपोर्ट किये गए. इसमें लखनऊ के 18 मरीज हैं. वहीं अस्पतालों में बुखार के मरीजों की भरमार है. राज्य में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी का प्रकोप बरकरार है. जलभराव और गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस व डेंगू-मलेरिया भयावह हो रहा है. हज़ारों मरीज बुखार से कराह रहे हैं. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं अब मरीजों की संख्या 10,900 हो गयी है. लखनऊ में 38 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी की गई.
अलीगंज, इंदिरानगर, आलमबाग, टूडियागंज,माल, रेडक्रॉस, गुडंबा, सिल्वर जुबली व ऐशबाग क्षेत्र में शनिवार को डेंगू के 22 नए मरीज पाए गए. करीब एक हफ्ते से इन क्षेत्रों में लगातार दर्जन भर से अधिक डेंगू मरीज रोजाना पाए जा रहे हैं. मगर स्वास्थ्य विभाग डेंगू को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है. हैरानी की बात है कि कुल डेंगू पीड़ितों में 30 फीसद से अधिक मरीज बच्चे हैं.
डेंगू के प्रकार
टाइप-1 सामान्य डेंगू : इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर : इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप-3 डेंगू शॉक सिंड्रोम : इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द व कमजोरी लगना, भूख न लगना, मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना. वहीं, डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेशर लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना.
ऐसे करें डेंगू से बचाव
घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.
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खानपान का रखें ध्यान
बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी, सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी और तैलीय खाना न खाएं.
त्यौहार को लेकर अलर्ट
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि त्यौहार को लेकर अलर्ट रहना होगा. इसमें गैर राज्यों से भी लोग आ रहे हैं. ऐसे में संक्रमण बढ़ सकता है. लिहाजा, घर से बाहर निकलते वक्त कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.