लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग के कई स्कूल जर्जर हालत में हैं. आने वाले समय में बच्चों को नए स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलेगा. प्रदेश के इन जर्जर स्कूलों के स्थान पर नई इमारत बनाने के लिए 555 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी की गई है. इससे प्रदेश के 3450 पुराने और जर्जर स्कूलों के स्थान पर नए भवनों का निर्माण किया जाएगा. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है. आदेश के मुताबिक, 28 फरवरी 2023 तक भवनों का निर्माण कार्य पूरा कराना होगा.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, यह वह स्कूल हैं जिनके भवन पूरी तरह से जर्जर व खराब हो चुके हैं. इनकी मरम्मत की जगह इन्हें गिराकर दोबारा इनके स्थान पर नया भवन निर्माण कराया जाएगा. लंबे समय से इस पर विभाग काम कर रहा था. पुराने व जर्जर भवनों को गिराकर इनके स्थान पर नए भवन का निर्माण किया जाएगा. विजय किरन आनंद ने बताया कि पिछले महीने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. साथ ही कार्यदायी संस्था के साथ अनुबंध करने के निर्देश भी दिए गए थे. नीलामी और फिर जमीन को लेकर कुछ विवाद था जिसके कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद (Director General School Education Vijay Kiran Anand) ने बताया कि 3450 विद्यालयों में 2804 प्राइमरी स्कूल व 464 जूनियर हाईस्कूल में नए भवन का निर्माण होना है. इसके लिए प्राइमरी स्कूलों के लिए 15.14 लाख रुपए और जूनियर हाईस्कूल के लिए बजट जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा 220 स्कूलों का निर्माण गोंडा में होना है, वहीं बहराइच, बलिया, प्रतापगढ़, मुजफ्फरनगर व रायबरेली में 100 से ज्यादा स्कूल बनेंगे. प्राइमरी स्कूलों में दो कमरे जूनियर स्कूलों में चार कमरे समेत एक ऑफिस, बरामदा व रैंप का निर्माण कराया जाएगा.