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सावधान! इन ऐप्स को डाउनलोड करते ही उड़ जाएंगे खाते से पैसे

प्रदेश में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यूपी के कई जिलों में इन दिनों जालसाज सिम डॉक्यूमेंट पेंडिंग के मैसेज भेजकर मोबाइल ग्राहकों से ठगी कर रहे हैं. मोबाइल ऑपरेटरों के तमाम प्रयासों के बावजूद ठगी थम नहीं रही है.

बढ़ रहा है साइबर क्राइम
बढ़ रहा है साइबर क्राइम
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Published : Apr 9, 2021, 1:00 PM IST

लखनऊ: साइबर जालसाज आजकल ठगी के नए-नए रास्ते निकालकर खातों से रुपये उड़ा रहे हैं. यूपी के कई जिलों में इन दिनों जालसाज सिम डॉक्यूमेंट पेंडिंग के मैसेज भेजकर मोबाइल ग्राहकों से ठगी कर रहे हैं. कोई किसी ने उन्हें कॉल करके ऐप डाउनलोड कर लिया तो खाता खाली होना तय है. मोबाइल ऑपरेटरों के तमाम प्रयासों के बावजूद ठगी थमने का नाम नहीं ले रही. जालसाज 24 घंटे में मोबाइल सर्विस बंद करने की चेतावनी देकर ग्राहकों पर मानसिक दबाव बनाने से भी नहीं चूक रहे.

यह भी पढ़ें: 10 बजते ही सड़कों पर पसरा सन्नाटा, जानें क्यों

नए- नए तरीकों से कर रहे ठगी

राजधानी के बीएसएनल मोबाइल उपभोक्ता राजेश कुमार के मोबाइल पर मैसेज आया कि आपके सिम के डॉक्यूमेंट पेंडिंग हैं. आप 9339041267 नंबर पर कॉल करें, अन्यथा आपके फोन की सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. उन्होंने जब इस नंबर पर कॉल किया तो एनीडेक्स रिमोट कंट्रोल एप डाउनलोड करने को कहा गया. राजेश के पास मल्टीमीडिया मोबाइल नहीं था. इससे वह धोखाधड़ी से बच गए. लेकिन, आए दिन इस तरह की ठगी के मामले सामने आते रहते हैं.

शेयर न करें पासवर्ड और ओटीपी

मोबाइल ऑपरेटरों के अफसरों ने बताया कि वो लोग लगातार उपभोक्ताओं को मैसेज भेजकर अलर्ट करते रहते हैं. फिर भी जागरूकता के अभाव में तमाम लोग जालसाजों का शिकार हो जाते हैं.

टीम व्यूअर और एनीडेस्क जैसे ऐप से बचें

उपभोक्ता जब अपने सिम के डॉक्यूमेंट वेरीफाई कराने के लिए उन नंबरों पर कॉल करते हैं, तो वो लोग टीम व्यूअर और एनीडेस्क जैसे ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. जैसे ही वह आपका कोड जान लेते हैं। वह आपके मोबाइल का सारा डाटा एक्सेस कर लेते हैं.

डुप्लीकेट सिम का धंधा बंद हुआ तो निकाला नया रास्ता

यूपी सहित कई राज्यों में बीते साल दूसरों के मोबाइल नंबर स्वाइप करके जालसाज हर महीने हजारों लोगों के बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा रहे थे. इसके बाद मोबाइल ऑपरेटरों ने डुप्लीकेट सिम पर 24 घंटे तक मैसेज की सुविधा पूरी तरह बंद कर दी. इसके बाद जालसाजों ने सिम डॉक्यूमेंट पेंडिंग के बहाने ठगी शुरू कर दी है.

सिग्नल न मिले तो कस्टमर केयर से करें संपर्क

अगर आपके मोबाइल पर अचानक सिग्नल खराब हो जाए तो सतर्क हो जाएं. हो सकता है कि आपका नंबर बंद कराकर किसी जालसाज ने दूसरा सिम ले लिया हो. यदि ऐसा होता है तो तुरंत किसी दूसरे नंबर से संबंधित फोन ऑपरेटर के कस्टमर केयर पर फोन करके इसकी जानकारी जरूर दे दें.

इन नंबरों से आ रहे मैसेज

अफसरों ने बताया कि ज्यादातर मैसेज जिन नंबरों से आने की शिकायत मिली है. उन नंबरों की मॉनिटरिंग शुरू की जा चुकी है. जैसे ही जालसाजों को इसका आभास हो जाता है. वह नए नंबरों से एसएमएस भेज कर ग्राहकों को शिकार बनाने लगते हैं.

अलर्ट, फिर भी अकाउंट हो रहा खाली

कोविड-19 महामारी के बाद से साइबर फ्रॉड के मामले ना केवल बढे हैं बल्कि जालसाजी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. इसमें जालसाज अब सिम डॉक्यूमेंट पेंडिंग का मैसेज देकर 24 घंटे में सेवाएं बंद करने के लिए एसएमएस भेजकर ठगी कर रहे हैं. इसकी वजह से सावधानी के बाद भी लोग साइबर फ्रॉड के झांसे में फंस जाते हैं और उन्हें पता तक नहीं चलता है. लोगों को ऐसे एसएमएस से सावधान रहना होगा. सबसे अच्छा तरीका की एसएमएस का बिल्कुल जवाब न दें.

लखनऊ: साइबर जालसाज आजकल ठगी के नए-नए रास्ते निकालकर खातों से रुपये उड़ा रहे हैं. यूपी के कई जिलों में इन दिनों जालसाज सिम डॉक्यूमेंट पेंडिंग के मैसेज भेजकर मोबाइल ग्राहकों से ठगी कर रहे हैं. कोई किसी ने उन्हें कॉल करके ऐप डाउनलोड कर लिया तो खाता खाली होना तय है. मोबाइल ऑपरेटरों के तमाम प्रयासों के बावजूद ठगी थमने का नाम नहीं ले रही. जालसाज 24 घंटे में मोबाइल सर्विस बंद करने की चेतावनी देकर ग्राहकों पर मानसिक दबाव बनाने से भी नहीं चूक रहे.

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नए- नए तरीकों से कर रहे ठगी

राजधानी के बीएसएनल मोबाइल उपभोक्ता राजेश कुमार के मोबाइल पर मैसेज आया कि आपके सिम के डॉक्यूमेंट पेंडिंग हैं. आप 9339041267 नंबर पर कॉल करें, अन्यथा आपके फोन की सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. उन्होंने जब इस नंबर पर कॉल किया तो एनीडेक्स रिमोट कंट्रोल एप डाउनलोड करने को कहा गया. राजेश के पास मल्टीमीडिया मोबाइल नहीं था. इससे वह धोखाधड़ी से बच गए. लेकिन, आए दिन इस तरह की ठगी के मामले सामने आते रहते हैं.

शेयर न करें पासवर्ड और ओटीपी

मोबाइल ऑपरेटरों के अफसरों ने बताया कि वो लोग लगातार उपभोक्ताओं को मैसेज भेजकर अलर्ट करते रहते हैं. फिर भी जागरूकता के अभाव में तमाम लोग जालसाजों का शिकार हो जाते हैं.

टीम व्यूअर और एनीडेस्क जैसे ऐप से बचें

उपभोक्ता जब अपने सिम के डॉक्यूमेंट वेरीफाई कराने के लिए उन नंबरों पर कॉल करते हैं, तो वो लोग टीम व्यूअर और एनीडेस्क जैसे ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. जैसे ही वह आपका कोड जान लेते हैं। वह आपके मोबाइल का सारा डाटा एक्सेस कर लेते हैं.

डुप्लीकेट सिम का धंधा बंद हुआ तो निकाला नया रास्ता

यूपी सहित कई राज्यों में बीते साल दूसरों के मोबाइल नंबर स्वाइप करके जालसाज हर महीने हजारों लोगों के बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा रहे थे. इसके बाद मोबाइल ऑपरेटरों ने डुप्लीकेट सिम पर 24 घंटे तक मैसेज की सुविधा पूरी तरह बंद कर दी. इसके बाद जालसाजों ने सिम डॉक्यूमेंट पेंडिंग के बहाने ठगी शुरू कर दी है.

सिग्नल न मिले तो कस्टमर केयर से करें संपर्क

अगर आपके मोबाइल पर अचानक सिग्नल खराब हो जाए तो सतर्क हो जाएं. हो सकता है कि आपका नंबर बंद कराकर किसी जालसाज ने दूसरा सिम ले लिया हो. यदि ऐसा होता है तो तुरंत किसी दूसरे नंबर से संबंधित फोन ऑपरेटर के कस्टमर केयर पर फोन करके इसकी जानकारी जरूर दे दें.

इन नंबरों से आ रहे मैसेज

अफसरों ने बताया कि ज्यादातर मैसेज जिन नंबरों से आने की शिकायत मिली है. उन नंबरों की मॉनिटरिंग शुरू की जा चुकी है. जैसे ही जालसाजों को इसका आभास हो जाता है. वह नए नंबरों से एसएमएस भेज कर ग्राहकों को शिकार बनाने लगते हैं.

अलर्ट, फिर भी अकाउंट हो रहा खाली

कोविड-19 महामारी के बाद से साइबर फ्रॉड के मामले ना केवल बढे हैं बल्कि जालसाजी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. इसमें जालसाज अब सिम डॉक्यूमेंट पेंडिंग का मैसेज देकर 24 घंटे में सेवाएं बंद करने के लिए एसएमएस भेजकर ठगी कर रहे हैं. इसकी वजह से सावधानी के बाद भी लोग साइबर फ्रॉड के झांसे में फंस जाते हैं और उन्हें पता तक नहीं चलता है. लोगों को ऐसे एसएमएस से सावधान रहना होगा. सबसे अच्छा तरीका की एसएमएस का बिल्कुल जवाब न दें.

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