लखनऊ: चिनहट स्थित निजी अस्पताल (Private Hospital in Lucknow) में भर्ती हुए मरीज के इलाज में लापरवाही हुई. मरीज के किडनी में संक्रमण था. आरोप है अस्पताल ने इलाज में कोताही की गयी. बिल की रकम बढ़ाने की खातिर मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया गया. तीमारदार मरीज को डिस्चार्ज करने के लिए गुहार लगाते रहे. मरीज की हालत बिगड़ने बाद उसे डिस्चार्ज किया गया. इसके बाद मरीज की मौत हो (Patient death in Lucknow's private hospital) गई. तीमारदार की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गयी है.
तेलीबाग के रहने वाले शक्तिदीन ने पहले नजदीकी अस्पताल में दिखाया था. वहां से मरीज को चिनहट स्थित स्वास्तिक अस्पताल भेजा गया. बेटे अमर का आरोप है कि मरीज की किडनी में थोड़ा संक्रमण था. वह खुद चलकर अस्पताल गए थे. बेटे अमर का आरोप है कि वहां पर डाॅक्टरों ने बिल की रकम बढ़ाने खातिर मरीज को पहले आईसीयू में भर्ती कर दिया गया. दवाओं और आईसीयू बेड के चार्ज के नाम पर रुपये वसूलने लगे. मरीज की हालत सुधरने की बजाए लगातार बिगड़ रही थी.
तीमारदारों ने डिस्चार्ज करने के लिए कहा, मगर अस्पताल ने एक न सुनी. काफी दबाव आने पर बीती 8 मई मरीज छोड़ा. तीमारदार मरीज को लेकर मेदांता ले गए. वहां 9 मई को इलाज दौरान मरीज की मौत हो गई. बेटे का आरोप है कि निजी अस्पताल ने मरीज का केस बिगाड़ (Negligence in Lucknow private hospital) दिया था.
बेटे ने सीएमओ आफिस लिखित शिकायत भेजी. डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह के मुताबिक, निजी अस्पताल को नोटिस जारी करने साथ ही इलाज से जुड़े दस्तावेज तलब किए गए हैं. जांच में लापरवाही मिलने पर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लखनऊ में स्वास्तिक हॉस्पिटल (Swastik Hospital in Lucknow) के डॉ. प्रशांत भट्ट ने कहा कि मरीज के इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं हुई है. तीमारदारों के आरोप बेबुनियाद है. मरीज को पहले डिस्चार्ज किया गया था. बिल भुगतान न करने की वजह से तीमारदार ने मरीज को अपनी मर्जी से अस्पताल में रखा था.
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