लखनऊ : निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने जातिगत जनगणना (Caste Census) का समर्थन किया है. उनका कहना है कि 'जनगणना में जो विसंगतिया हैं उन्हें दूर करना चाहिए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अभी कई ऐसी जातियां हैं जिनको मालूम ही नहीं है कि वह अदर बैकवर्ड क्लास में रहेंगे या फिर अनुसूचित जाति में उन्हें रखा जाएगा. उन्होंने देशभर में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की है. कहा है कि भारतीय जनता पार्टी से उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह जाति आधारित जनगणना जरूर कराएगी. हमारे समाज से आने वाले लोगों को आरक्षण का भी लाभ मिलेगा.' निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बुधवार को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने यह भी कहा है कि 'भारतीय जनता पार्टी ने निषाद समाज के कुछ नेताओं को पाल रखा है, लेकिन उनको समाज से ही वोट नहीं मिल रहा है. घोसी उपचुनाव में जिन तीन गांव में उन्होंने निषाद समाज से वोट मांगा उन सभी गांव में बीजेपी हार गई. बीजेपी के साथ विभीषण जुड़े हुए हैं.' हालांकि विभीषण कौन है उन्होंने ये नहीं बताया. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि 'देश में अब जातीय जनगणना होनी ही चाहिए. हम लगातार आरक्षण की मांग कर रहे हैं. आरक्षण हमारा हक है. अभी तक जिन पार्टियों का साथ दिया उन्होंने हमारे समाज के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए हम भारतीय जनता पार्टी के साथ आए हैं. हमारा समाज लगातार हमसे पूछ रहा है कि आखिर आरक्षण के मुद्दे को लेकर भाजपा का साथ दिया तो फिर आरक्षण कब लागू होगा.
इशारों इशारों में उन्होंने भाजपा को चेताते हुए कहा कि हम आरक्षण की लगातार मांग कर रहे हैं. निषाद समाज अगर नाराज हुआ तो भारतीय जनता पार्टी को नुकसान भी होगा. जिस तरह सरकार ने महिलाओं को आरक्षण दिया है उसी तरह अब निषाद समाज को भी आरक्षण देना ही होगा. बिहार में भी जातीय जनगणना में कई जातियों को छोड़ दिया गया है, यह बिल्कुल सही नहीं. उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना हो तो सभी जातियों का पूरा ख्याल रखा जाए. उन्हींने कहा कि कई ऐसी जातियां हैं जिन्हें संवैधानिक अधिकार मिला है और वह अनुसूचित जाति में आती हैं, लेकिन उन्हें जबरन ओबीसी में रखने की वकालत की जा रही है जो बिल्कुल भी सही नहीं है.'