लखनऊ: धरना प्रदर्शन के दौरान सड़क घेरकर आवागमन अवरुद्ध करने के मामले में तत्कालीन बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी गुरुवार को कोर्ट में हाजिर हुए. नसीमुद्दीन के हाजिर होने पर एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव के समक्ष उनके बयान दर्ज किए गए. इसके उपरांत कोर्ट ने बचाव पक्ष को साक्ष्य पेश करने के लिए 9 सितंबर की तिथि तय की.
सुनवाई के समय बतौर आरोपी कोर्ट में हाजिर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अपने बयान दर्ज कराते हुए खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उनके खिलाफ झूठा मुकदमा चलाया गया है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सारी गवाही पूरी होने के बाद नसीमुद्दीन के बयान दर्ज किए गए हैं. अब 9 सितम्बर को नसीमुद्दीन सिद्दीकी अपने बचाव में साक्ष्य पेश कर सकते हैं.
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पत्रावली के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट उप निरीक्षक शिवा साकेत सोनकर ने 21 जुलाई 2016 को हजरतगंज थाने में दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि तत्कालीन भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह द्वारा दिए गए बयानों के विरोध में नारेबाजी करते हुए बहुजन समाज पार्टी के करीब चार-पांच हजार कार्यकर्ता हजरतगंज चौराहे से निकलकर विधान सभा के सामने पहुंचे और जाम लगा दिया. विवेचना के बाद पुलिस ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और अन्य के खिलाफ 21 जून 2017 को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था.