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...जानें क्या है नरक चतुर्दशी, इस दिन क्यों यमराज की होती है पूजा ?

दीपावली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. बड़ी दिवाली से एक दिन पहले यम देवता यमराज की पूजा का विधान है. आज के दिन उनकी पूजा करना से अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता है. इस दिन यमुना नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है.

नरक चतुर्दशी.
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Published : Oct 27, 2019, 10:14 AM IST

लखनऊ: पांच दिनों तक चलने वाला रोशनी का पर्व दीपावली धनतेरस से शुरू हो चुका है. इस पर्व की शुरुआत में धनतेरस मनाया जाता है, उसके अगले दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इस बार नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर को मनाई गई. आज के दिन हनुमान जी की भी पूजा का विधान है.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्र.

पांच दिनी त्योहार का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित उमाशंकर मिश्र ने बताया कि हिंदू धर्म में दीपावली पर्व का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन विशेष उपाय करके पुनर्जन्म से मुक्ति मिल जाती है. बड़ी दिवाली से एक दिन पहले यम देवता यमराज की पूजा का विधान है. आज के दिन उनकी पूजा करना से अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता है. इस दिन यमुना नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है.

ये भी पढ़ें:-मथुराः बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव पहुंचे वृंदावन, जाना मरीजों का हाल

हनुमान जी की पूजा का है विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्र ने बताया कि नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए. हनुमान जी की पूजा करने से सभी तरह के कष्ट कटते हैं. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. उन्होंने कहा कि इस बार नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी.



लखनऊ: पांच दिनों तक चलने वाला रोशनी का पर्व दीपावली धनतेरस से शुरू हो चुका है. इस पर्व की शुरुआत में धनतेरस मनाया जाता है, उसके अगले दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इस बार नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर को मनाई गई. आज के दिन हनुमान जी की भी पूजा का विधान है.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्र.

पांच दिनी त्योहार का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित उमाशंकर मिश्र ने बताया कि हिंदू धर्म में दीपावली पर्व का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन विशेष उपाय करके पुनर्जन्म से मुक्ति मिल जाती है. बड़ी दिवाली से एक दिन पहले यम देवता यमराज की पूजा का विधान है. आज के दिन उनकी पूजा करना से अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता है. इस दिन यमुना नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है.

ये भी पढ़ें:-मथुराः बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव पहुंचे वृंदावन, जाना मरीजों का हाल

हनुमान जी की पूजा का है विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्र ने बताया कि नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए. हनुमान जी की पूजा करने से सभी तरह के कष्ट कटते हैं. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. उन्होंने कहा कि इस बार नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी.



Intro:लखनऊ। पांच दिनों का चलने वाला रोशनी का पर्व दीपावली धनतेरस से शुरू हो चुका है। पहले धनतेरस मनाया जाता है। उसके अगले दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है।

इस बार नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर को मनाई जा रही है। आज के दिन हनुमान जी की भी पूजा का विधान है। इस बारे में ईटीवी भारत संवाददाता ने ज्योतिषाचार्य पंडित उमाशंकर मिश्र से विशेष बात की।


Body:पांच दिनी त्योहार का विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य पंडित उमाशंकर मिश्र ने बताया कि हिंदू धर्म में दीपावली पर्व का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विशेष उपाय करके पुनर्जन्म से मुक्ति मिल जाती है।

भाई-बहिन को साथ में जलाना चाहिए दीपक

ईटीवी भारत से बात करते हुए ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नरक चतुर्दशी के दिन जो भाई-बहिन संध्याकाल में नदी किनारे दीपक जलाता और दीपदान करता है उनलोगों को पुनर्जन्म से मुक्ति मिल जाती है। संध्या के समय नदी किनारे दीपदान करने से इस संसार से मुक्ति मिल जाती है।

इस दिन हनुमानजी की पूजा का है विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्र ने बताया कि नरक चतुर्दशी के दिन हनुमानजी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। हनुमानजी की पूजा करने से सभी तरह के कष्ट कटते हैं। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि इसबार नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी।


Conclusion:बड़ी दिवाली से एक दिन पहले यम देवता यमराज की पूजा का विधान है। आज के दिन उनकी पूजा करना से अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता।

अनुराग मिश्र

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