लखनऊ: पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. प्रदेश में मरीजों की संख्या 317195 वहीं लखनऊ में 40172 के पार पहुंच चुकी है. प्रदेश में लगभग सभी व्यापार को खोलने की अनुमति भी दे दी गई है. इस कारण वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. इस वायरस से बचने के लिए आयुर्वेद में किस तरीके से उपचार किए जा रहे हैं इसके लिए राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. पीसी सक्सेना व द्रव्य गुण विभाग के प्रोफेसर माखन लाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
मस्टर्ड व अणु तेल है कारगर
महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. सक्सेना ने बताया कि रोजाना नाक में मस्टर्ड ऑयल व अणु तेल लगाने से कहीं हद तक इस वायरस से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में शुरुआत से ही भारत सरकार की गाइडलाइन, आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार आयुष काढ़े का वितरण और भारत सरकार ने 4 औषधियां शंगशमनी बटी, आयुष 64, अणु तेल व आयुष क्वाथ का वितरण लगातार किया जा रहा है. बईरन विभाग द्वारा क्वारंटाइन सेंटर में, महाविद्यालय के चिकित्सक व शिक्षकों द्वारा जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है. जो नौकरी कर रहे हैं रोजाना अणु तेल व मस्टर्ड ऑयल की दो-दो बूंद नाक में जरूर डालें और करीब 5 मिनट तक भाप लें.
कोरोना काल में इम्यूनिटी का बहुत महत्व है
द्रव्य गुण विभाग के प्रोफेसर माखन लाल ने बताया कि कोरोना काल में इम्यूनिटी का बहुत बड़ा हमारी जड़ी बूटियां उसमें विशेष कार्य करती हैं. जिसमें गिलोय मुख्य है. गिलोय का प्रयोग काढ़ा बनाने के लिए करते हैं. गिलोय को पानी में उबालते हैं. इसके बाद इसमें सोंठ, दालचीनी, तुलसी मिलाते हैं जो इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है.