ETV Bharat / state

ज्ञानवापी और मथुरा के मुद्दे पर अब भाजपा के निशाने पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड - krishna birth place

ज्ञानवापी और मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले में भाजपा और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आमने-सामने हैं. भाजपा ने बोर्ड पर कई आरोप लगाए हैं.

Etv bharat
ज्ञानवापी और मथुरा के मुद्दे पर अब भाजपा के निशाने पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
author img

By

Published : May 21, 2022, 4:38 PM IST

लखनऊ : ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अलावा देशभर में मंदिर और मस्जिद के विवादों को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और भाजपा आमने-सामने आ चुके हैं. भाजपा ने पर्सनल लॉ बोर्ड पर देश मे शरीयत कानून लागू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. इससे निकट भविष्य मे विवाद और अधिक बढ़ने की आशंका है.

हाल में ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भारत की अदालतों से मायूसी की बात कही थी. इसको अब भाजपा अलग-अलग मंचों पर मुद्दा बनाएगी. भाजपा इन मुद्दों के आधार पर ध्रुवीकरण को हवा देगी. इसको लेकर अब भाजपा की ओर से बयानबाजी का आगाज होगा.

यह बोले भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेयी.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेयी का कहना है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का भारत के संविधान और संविधान से बनी अदालतों में अब विश्वास नहीं रहा. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े कट्टरपंथी मौलाना देश में शरिया अदालत चाहते हैं लेकिन उनके मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मोइन अहमद खान ने बोर्ड की ओर से जारी बयान में कहा है कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के नाम पर 50,000 मस्जिदों के मंदिर होने का दावा खड़ा करने की रणनीति है. इतिहास को एक चश्मे से देखने की राजनीति बंद होनी चाहिए. सत्ता की महत्वाकांक्षी राजनीति को वर्तमान में खड़े होकर भविष्य की तरफ निहारना चाहिए.

मंदिर-मस्जिद की राजनीति का विचार सभी को अपने दिमाग से निकलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विवादित मसलों का हल सनसनी फैलाकर नहीं हो सकता. सरकार को आगे आकर मध्यस्थता करनी चाहिए. संसद में पास कानून के अंतर्गत मस्जिदों के केयर टेकर राज्यों के मुस्लिम वक़्फ़ बोर्ड व मस्जिदों के मंदिर होने के दावेदारों के मध्य इसे बातचीत के जरिए हल कराएं. ताजमहल, कुतुबमीनार मुसलमानों की नही बल्कि राष्ट्रीय धरोहरें हैं. भारत की धरोहर होने के साथ पुरातत्व विभाग के नियंत्रण में हैं.

एमपीएलबीआई के महासचिव ने कहा कि जिस ज्ञानवापी मस्जिद से शुरू हुआ विवाद 50 हजार मस्जिदों तक पहुंच रहा है और धर्म की राजनीति हो रही यह दुखद है. देश के पीएम व सीएम को मौन तोड़ना चाहिए. बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड से भी कहा है कि वह मस्जिदों के संरक्षण व अपनी ईबादतगाह होने का कानूनी दावा अच्छे अधिवक्ताओं से अदालतों में रखवाएं.

वक़्फ़ बोर्ड निष्क्रिय नजर आ रहा है. वह अपनी जिम्मेदारी को निभाने में अभी तक कामयाब नही रहा है. बोर्ड ने आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील करते हुए सरकार से कानून के अंतर्गत मुस्लिम समुदाय की इबादतगाहों के संरक्षण की मांग करते हुए कहा है कि इसका समाधान होना चाहिए.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अलावा देशभर में मंदिर और मस्जिद के विवादों को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और भाजपा आमने-सामने आ चुके हैं. भाजपा ने पर्सनल लॉ बोर्ड पर देश मे शरीयत कानून लागू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. इससे निकट भविष्य मे विवाद और अधिक बढ़ने की आशंका है.

हाल में ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भारत की अदालतों से मायूसी की बात कही थी. इसको अब भाजपा अलग-अलग मंचों पर मुद्दा बनाएगी. भाजपा इन मुद्दों के आधार पर ध्रुवीकरण को हवा देगी. इसको लेकर अब भाजपा की ओर से बयानबाजी का आगाज होगा.

यह बोले भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेयी.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेयी का कहना है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का भारत के संविधान और संविधान से बनी अदालतों में अब विश्वास नहीं रहा. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े कट्टरपंथी मौलाना देश में शरिया अदालत चाहते हैं लेकिन उनके मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मोइन अहमद खान ने बोर्ड की ओर से जारी बयान में कहा है कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के नाम पर 50,000 मस्जिदों के मंदिर होने का दावा खड़ा करने की रणनीति है. इतिहास को एक चश्मे से देखने की राजनीति बंद होनी चाहिए. सत्ता की महत्वाकांक्षी राजनीति को वर्तमान में खड़े होकर भविष्य की तरफ निहारना चाहिए.

मंदिर-मस्जिद की राजनीति का विचार सभी को अपने दिमाग से निकलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विवादित मसलों का हल सनसनी फैलाकर नहीं हो सकता. सरकार को आगे आकर मध्यस्थता करनी चाहिए. संसद में पास कानून के अंतर्गत मस्जिदों के केयर टेकर राज्यों के मुस्लिम वक़्फ़ बोर्ड व मस्जिदों के मंदिर होने के दावेदारों के मध्य इसे बातचीत के जरिए हल कराएं. ताजमहल, कुतुबमीनार मुसलमानों की नही बल्कि राष्ट्रीय धरोहरें हैं. भारत की धरोहर होने के साथ पुरातत्व विभाग के नियंत्रण में हैं.

एमपीएलबीआई के महासचिव ने कहा कि जिस ज्ञानवापी मस्जिद से शुरू हुआ विवाद 50 हजार मस्जिदों तक पहुंच रहा है और धर्म की राजनीति हो रही यह दुखद है. देश के पीएम व सीएम को मौन तोड़ना चाहिए. बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड से भी कहा है कि वह मस्जिदों के संरक्षण व अपनी ईबादतगाह होने का कानूनी दावा अच्छे अधिवक्ताओं से अदालतों में रखवाएं.

वक़्फ़ बोर्ड निष्क्रिय नजर आ रहा है. वह अपनी जिम्मेदारी को निभाने में अभी तक कामयाब नही रहा है. बोर्ड ने आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील करते हुए सरकार से कानून के अंतर्गत मुस्लिम समुदाय की इबादतगाहों के संरक्षण की मांग करते हुए कहा है कि इसका समाधान होना चाहिए.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.