लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव का प्रथम चरण का मतदान 4 मई को होना है. इसी दिन राजधानी की 10 नगर पंचायतों में भी वोट डाले जाएंगे. इन नगर पंचायतों में मोहनलालगंज और बंथरा ऐसी नगर पंचायत हैं, जहां के मतदाता पहली बार प्रधान की जगह चेयरमैन चुनेंगे. ऐसे में गांव से निकल कर अब शहरी विकास योजनाओं को अपने गांव में लाने के लिए यहां के वोटर कई उम्मीदें पाले हुए हैं.
मोहनलालगंज
राजधानी से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मोहनलालगंज कस्बा, अब तक मऊ ग्राम सभा के अंतर्गत आता था. 26 दिसंबर 2020 को शासन ने पांच ग्राम पंचायतों को मिलाकर मोहनलालगंज को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया. तब से अब तक यहां की विकास की डोर उपजिलाधिकारी संभाल रहे थे. आगामी 4 मई को होने वाले चुनाव में यहां के 26 हजार 103 मतदाता पहली बार चेयरमैन और सभासद चुनने के लिए वोट डालेंगे. मोहनलालगंज जिन पांच ग्राम पंचायतों को मिल कर नगर पंचायत बनी है उनमें मऊ, अतरौली, बिंदौआ, गौरा और डेहवा शामिल हैं. मोहनलालगंज नगर पंचायत अध्यक्ष अनसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
यहां के रहने वाले गिरीश द्विवेदी कहते हैं कि अब तक हमने कई प्रधानों को देखा, कई बार इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या जल भराव की समस्या के लिए प्रधानों के आगे मिन्नतें कीं, लेकिन इससे निजात नहीं मिल सकी. शायद अब नगर पंचायत बनने के बाद यह समस्या दूर हो जाए. पेशे से वकील शिव मोहन सिंह कहते हैं कि अब तक हम ग्राम पंचायत में रहते थे. ऐसे में यहां का विकास ग्रामीण स्तर पर ही होता था, लेकिन अब नगरीय विकास होने की उम्मीद है. वो कहते हैं कि यहां की सबसे बड़ी समस्या मोहल्ले मोहल्ले में फैली गंदगी है. सफाई कर्मी आते नहीं हैं. जिस वजह से हफ्तों कूड़ा इकट्ठा रहता है. अब जब चेयरमैन बनता है तो वो उनके इलाके को सफाई कराएगा ऐसी उम्मीद है.
बंथरा नगर पंचायत
मोहनलालगंज के साथ ही बंथरा ग्राम पंचायत भी नगर पंचायत बनी थी. यहां के रामचौरा, हमीरपुर, किशनपुर कौड़िया, बंथरा, जहानाबाद, लाला खेड़ा, खांडेदेव, पुराही खेड़ा, शिवपुरा व औरावां गांव मिलकर नगर पंचायत बनी है. बंथरा नगर पंचायत के 16 हजार 780 मतदाता पहली बार नगर पंचायत के चेयरमैन चुनेंगे. बंथरा नगर पंचायत अध्यक्ष अनसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है.
बंथरा के रहने वाले विकाश शुक्ला कहते हैं कि उनकी नगर पंचायत लखनऊ कानपुर हाईवे से जुड़ा हुआ है. यहां सबसे बड़ी समस्या जलभराव और गंदगी है. जिस कारण हर बारिश में हजारों लोग बीमार होते हैं. बावजूद इसके कभी भी यहां प्रधान ने इन कमियों को दूर करने का प्रयास नहीं किया. विकास शुक्ला को उम्मीद है कि बंथरा नगर पंचायत बनने के बाद नगरीय सुविधाएं तो मिलेंगी ही, साथ ही जलभराव जैसी समस्याओं से भी निदान मिलेगा. वहीं डब्बू सिंह कहते हैं कि बंथरा में देर रात बच्चियां नौकरी कर आती है, लेकिन गलियों में स्ट्रीट लाइट न होने की वजह से उनमें भय व्याप्त रहता है. अब उम्मीद है कि शहर की ही तरह उनके गांव में भी स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी.
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