लखनऊ: आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण की समस्या गहराती जा रही है. जिसे लेकर लेकर केंद्रीय पॉल्यूशन बोर्ड ( Central pollution board) द्वारा रोकथाम को लेकर अलग-अलग विभागों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं . इसी क्रम में निगम को बिल्डिंग मेटेरियल, कूड़े-कचरे व धूल की साफ-सफाई और छिड़काव को लेकर निर्देश दिए गए हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार नगर निगम इसे अनदेखा कर रहा है.
बता दें कि लखनऊ के जोन-3 के अंतर्गत मड़ियाव थाना, अलीगंज थाना, इंदिरा नगर थाना, हसनगंज थाना के अंतर्गत 500 से अधिक बिल्डिंग मेटेरियल के ट्रेडर्स द्वारा खुलेआम मेटेरियल रखकर बिक्री की जा रही है. जिसमें गिट्टी मोरंग बालू , डस्ट समेत प्रदूषण युक्त बिल्डिंग मेटेरियल की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है.
ऐसे में चिंताजनक है कि लखनऊ का पॉल्यूशन ग्राफ बढ़ता जा रहा है . प्रदूषण के हाई रिस्क जोन को ग्रीन रेड जोन में और मिडिल हाई रिस्क जोन को ऑरेंज जोन में और प्रदूषण मुक्त क्षेत्र (pollution free zone) को ग्रीन जोन में बांटा गया है. जिससे क्रमवार तरीके से इस पर जिम्मेदार विभागों द्वारा काम किया जा सके और प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके. वहीं दूसरी तरफ धूल युक्त कच्चे सड़कों पर जिम्मेदार विभाग नगर निगम लगातार समय-समय पर पानी के छिड़काव ना होने के कारण धूल उड़ने से प्रदूषण बढ़ने से लगातार प्रदूषण को बढ़ाने में भूमिका निभा रहा है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप