लखनऊः भाई के साथ प्रॉपर्टी का विवाद, बेटे पर फायरिंग और अब आधी रात पुलिस का घर पर छापा के बाद शायर मुनव्वर राणा एक बार फिर सुर्खियों में हैं. दरअसल गुरुवार की देर रात रायबरेली पुलिस ने मुनव्वर राणा के लखनऊ स्थित घर पर छापा मारा. शायर के परिवार ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाया है. वहीं मुनव्वर और उनके भाई इस्माइल राणा में भी ठनी हुई है. 'ईटीवी भारत' से मुनव्वर राणा ने पूरे मामले पर खास बातचीत की.
बेटे पर हुई फायरिंग के मामले में पुलिस जांच हुई तो मामला उल्टा पड़ गया. पुलिस का दावा है कि तबरेज राणा ने अपने चाचा और उनके परिवार को फंसाने के लिए खुद पर फायरिंग करवाई. ऐसे में पूरे घटनाक्रम पर शायर मुनव्वर राणा ने पूरे परिवार की पारिस्थिति और आज की स्थिति को लेकर कई राज खोले. ईटीवी भारत से बात करते हुए शायर ने अपने भाई को गंभीर आरोपों के साथ कटघरे में खड़ा किया.
मुनव्वर राणा ने कहा " पुलिस इन्वेस्टिगेशन कर रही है तो हमारे भाइयों का कैरेक्टर देखें. मैंने यह बताया नहीं कि कोलकाता में हमारे ही घर में बम बनाते हुए पूरा घर उड़ गया था. यही इस्माइल आज नाम के आगे राणा लगाकर घूम रहा है. यह सब पुलिस के मुजरिम थे."
मुझे मारने की साजिश कर रहा भाई
ईटीवी भारत से बात करते हुए मुनव्वर राणा ने कहा "भाइयों को बचाने के लिए हमारे बाप पुलिस के पैर पर गिर जाते थे. किस-किस तरीके की हरकत की है इसने. शराबी कबाबी की हरकत करने वाले यह सब मिलकर यह चाहते हैं कि यह बुड्ढा (खुद को) मर जाए. इसके बेटे को फंसा दिया जाए और प्रॉपर्टी हड़प ली जाए. हमने जो घर बनवाया है वह हमारी किताब 'कत्ल गांव' के नाम पर ही है. हमारे भाइयों का जमीनों पर कब्जा है. हमारे बेटे, हमारे बच्चे कहां जाएंगे? कोलकाता में पुलिस फाइल खुलवा ले तो पूरे खानदान का राज खुल जाएगा.'
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जब अच्छा करती है सरकार तो अच्छा कहता हूं
घर पर हुई पुलिसिया कार्रवाई को लेकर कोई सियासी मकसद तो नहीं, इस सवाल पर मुनव्वर राणा सरकार पर थोड़ा नरम नजर आए. उन्होंने कहा "सरकार के खिलाफ की बात नहीं है. जब सरकार अच्छा करती है तो हम अच्छा बोलते हैं. जब मोदी ने मुझे मेरी माता के निधन पर खत लिखा तो मैं उनसे मिलने गया. मैंने उनका शुक्रिया अदा किया. मैंने कहा कि आप अवार्ड वापसी वाले मुद्दे पर आप मुझसे नाराज थे. संबित पात्रा ने उसे अवार्ड वापसी गैंग करार दे दिया, जबकि गैंग को हम पहचानते ही नहीं थे. सम्मानित लोग थे अवार्ड वापसी में, लेकिन हमारी किसी से मुलाकात नहीं थी. इसके बाद भी गैंग बना दिया गया था. मैंने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया."
बातचीत में शायर ने आगे कहा " जाहिर सी बात है किसी का भी अच्छा काम है तो हम तारीफ करते हैं. हम किसी सियासी पार्टी में नहीं है. लोग मुझे कांग्रेस में कहते हैं, लेकिन मुझे सत्ता से कोई दिलचस्पी नहीं. मैं आजाद खयाल हूं, मैं शायर हूं. मीडिया चूहे-बिल्ली की लड़ाई करा रहा है."
बेटे पर हुई फायरिंग पर बोले मुनव्वर राणा
बेटे पर हुई फायरिंग और पुलिस के खुलासे पर जब ईटीवी भारत से मुनव्वर राणा से सवाल किया तो उन्होंने इसका आक्रोशित होकर जवाब दिया. उन्होंने कहा "अगर मेरे बेटे ने खुद पर गोली चलवाई है तो इसकी छानबीन होनी चाहिए. अगर उसने ऐसा किया है तो वह बेवकूफ है. यही फायर उसे उन पर करवाना चाहिए जो टीवी पर बैठकर उसके बाप को जलील कर रहे हैं."
सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे हैं शायर मुनव्वर राणा
बता दें कि शायर मुनव्वर राणा केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार के खिलाफ कई मौके पर आवाज बुंलद करते रहे हैं. 2015 में देश में संप्रदायिक सौहार्द खराब होने व असहिसुष्णता का आरोप लगाकर कई नामचीन व आवार्डधारी लोगों ने विरोध स्वरूप अपने अवार्ड वापसी का एलान किया था, तब उसमें भी शायर मुनव्वर राणा का नाम सामने आया था, हालांकि बाद उन्होंने इसे खारिज कर दिया. यही नहीं 2019 में केंद्र सरकार द्वारा पारित नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ भी शायर मुनव्वर राणा ने आवाज बुलंद की थी. उनकी दोनों बेटियां लखनऊ के घंटाघर पर महीनों धरने पर बैठी रहीं.