लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में प्रमुख बाजार अमीनाबाद में स्थित मुमताज मार्केट में जमीन जिहाद की शिकायत के बाद अवैध निर्माण संबंधित फाइल दोबारा खोली जा रही है. हिंदू महासभा का आरोप है कि यह अवैध मार्केट जिहादियों का अड्डा बन गई है. यहां कुछ प्रतिशत हिंदुओं की दुकानें हैं. दिन को बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. जबकि हिंदू यहां दुकान नहीं खरीद सकते साफ मना है. इस मामले में शिकायत के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि मुमताज मार्केट की फाइल दोबारा खोली जाएगी. ध्वस्तीकरण आदेश मिलने की दशा में यहां पर बुलडोजर चलेगा.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने शिकायत की है कि लखनऊ के अमीनाबाद में स्थित मुमताज मार्केट प्रदेश की सबसे बड़ी अवैध मार्केट है. मैंने जिस पर कार्रवाई के लिए एलडीए को पत्र भी लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई. हजारों की संख्या में दुकानें मुस्लिमों की हिंदुओं को दो तीन परसेंट दुकान हैं. बाबू नाम के बिल्डर के द्वारा बनाई गई है. बाबू भाई पर हाथ बाबरी मस्जिद का मुकदमा लड़ने वाले अधिवक्ता जफरयाब जिलानी का है.
आरोप है कि अमीनाबाद का इस्लामीकरण बहुत तेजी से किया जा रहा है. मुमताज मार्केट में यह तक लिखा था. हिंदुओं को दुकान नहीं दी जा सकती है. शिकायत के बाद यह बोर्ड हटा लिया गया है. बाबू नाम का यह बिल्डर अमीनाबाद में छाया हुआ है. चंद पैसे के लालच में लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने इसे संरक्षण दे रखा है.
चार साल पुराना है डिमोलिशन ऑर्डर
अमीनाबाद की मुमताज मार्केट पूरी तरह से अवैध है. इसका डिमोलिशन ऑर्डर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने चार साल पहले किया था. कई बार अग्निकांड होने के बाद यहां की जांच भी की गई थी. अधिकारी खुद मौके पर गए थे, मगर पूरा मामला दबा दिया गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि शिकायत के मिलने के बाद दोबारा मुमताज मार्केट की फाइल को हम खोलेंगे. निश्चित तौर पर यहां भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.
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