लखनऊ: समाजवादी पार्टी में क्या मुलायम युग की वापसी होने जा रही है. मुलायम सिंह यादव की मंगलवार को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस की सूचना जब सोमवार की शाम समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल से जारी हुई तो यह सवाल समाजवादी पार्टी से लेकर दूसरे राजनीतिक दलों में भी कई बार पूछा गया. प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हकीकत से पर्दा मंगलवार की दोपहर तक हटेगा, लेकिन मुलायम की प्रेस कॉन्फ्रेंस को पार्टी में बड़ी राजनीतिक घटना के तौर पर देखा जा रहा है.
मुलायम सिंह यादव जो कुछ भी पार्टी कार्यक्रम में कहते थे, वह पार्टी की ओर से जारी होने वाली प्रेस विज्ञप्ति में शामिल किया जाता था. लगभग एक साल पहले मुलायम सिंह यादव ने पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो पार्टी ने उसका वीडियो फुटेज जारी किया, लेकिन इस वीडियो में केवल विजुअल थे. मुलायम जो कुछ भी बोल रहे थे उसका ऑडियो पार्टी की मीडिया टीम ने म्यूट कर दिया था.
बाद में मुलायम सिंह यादव केवल कार्यकर्ताओं से ही अपनी बात कहने तक सीमित होकर रह गए थे. पिछले साल में केवल दो ऐसे मौके आए, जब मुलायम सिंह यादव ने पार्टी कार्यालय के अंदर जो कुछ कहा वह मीडिया ने सुना और वीडियो में दिखाया भी. पहला मौका मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन समारोह का था, जब वह शिवपाल सिंह यादव के सैफई में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचने के बजाय पार्टी कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुखातिब हुए. दूसरा मौका समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ी जाने वाली सीटों के ऐलान का था.
अखिलेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस से जब मीडिया के लोग बाहर आए तो मैदान में मुलायम सिंह यादव कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. उस दिन मुलायम सिंह ने बसपा-सपा गठबंधन को लेकर अखिलेश की रणनीति की आलोचना की और कहा कि अखिलेश ने तो चुनाव लड़ने से पहले ही हार मान ली है. उन्होंने पार्टी के लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी करने की भी पेशकश की तो थोड़ी देर बाद बसपा की ओर से सीटों के बंटवारे की सूची जारी कर दी गई. इसके बाद मुलायम सिंह यादव को जब भी बोलने का मौका मिला तो वह संसद में बोलते हुए दिखाई दिए.
मंगलवार को मुलायम सिंह यादव जब मीडिया से मुखातिब होंगे तो किन बातों को लेकर चर्चा करेंगे, इसके कयास सोमवार की शाम से ही राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं के बीच लगाए जाने लगे हैं. कुछ लोगों ने मुलायम सिंह यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव में आने वाले बदलाव से जोड़कर देखा और कहा कि चुनाव में लगातार मिल रही हार के बाद अखिलेश यादव अब मुलायम सिंह यादव की पार्टी में पुनर्स्थापना करना चाहते हैं.
अखिलेश यादव को एहसास हो गया है कि मुलायम सिंह के बगैर समाजवादी पार्टी को आगे ले जाना संभव नहीं है. उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस पार्टी में मुलायम युग की वापसी है, लेकिन दूसरी ओर पार्टी के ही कई नेता इसे नकार रहे हैं. उनका कहना है कि मुलायम सिंह यादव अब समाजवादी पार्टी के संरक्षक की भूमिका में हैं. उनका हमेशा से पार्टी में सम्मान रहा है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करने की इच्छा जताई तो पार्टी उनकी इच्छा का सम्मान कर रही है.
दूसरी ओर यह आशंका भी जताई जा रही है कि जिस तरह से अखिलेश यादव पिछले कई दिनों से लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला कर रहे हैं. ऐसे में मुलायम सिंह यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी को नरम रुख का संकेत देना चाहते हैं. मुमकिन है कश्मीर और अनुच्छेद 370 को लेकर वह ऐसी राय रखें जो समाजवादी पार्टी के मौजूदा रुख से हो रहे नुकसान की भरपाई कर सके.