लखनऊ: स्पोर्ट्स कोटे से एक लाइसेंस पर 7 असलहे खरीदने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने खारिज कर दिया है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी एवं एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला ने तर्क दिया कि अब्बास अंसारी द्वारा निचली अदालत में हाजिर न होने पर विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने 14 जुलाई को अब्बास अंसारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. विशेष अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के उपरांत अब्बास अंसारी ने निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण न करके इस अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है.
जमानत के विरोध में यह भी कहा गया कि अभियुक्त के पास से प्रतिबंधित बोर के काफी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं. वहीं, लखनऊ के महानगर पते से जारी लाइसेंस के आधार पर दिल्ली में खरीदे गए. शस्त्र लाइसेंस को दिल्ली पुलिस द्वारा निरस्त किया जा चुका है. यह भी कहा गया है कि अभियुक्त लगातार फरार चल रहा है, जिसके कारण वह गत दिनों राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान डालने भी नहीं गया.
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अदालत ने अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि अभियुक्त द्वारा लाइसेंस का दुरुपयोग करके शस्त्र खरीदे गए हैं. यह भी कहा गया है कि यदि उसे अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह निश्चित रूप से फरार हो जाएगा. कहा गया कि अभियुक्त के विरुद्ध निचली अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी है और वह अभी तक न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ है.
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