हैदराबाद: ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे (threat of Omicron) के बीच अब उत्तर प्रदेश में सियासी तैयारियों के नायाब तरीके प्रदेशवासियों को अपनी ओर खासा आकर्षित कर रहे हैं. वहीं, रैलियों के रेले के इतर सूखी कंक्रीट की सड़क पर अचानक नौकायन को देख लोग हैरान रह गए और वो भी एक या दो नहीं, बल्कि दर्जनों की संख्या में नाव सड़क पर नजर आए. हालांकि, बाद में पता चला ये चुनावी चक्कर है. दरअसल, बिहार की विकासशील इंसान पार्टी (Vikas Insaan Party of Bihar) अबकी यूपी में ताल ठोके हुए है. पार्टी के मुखिया व बिहार सरकार में मंत्री मुकेश साहनी ने सूबे की 165 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. वहीं, सूची में शामिल विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए साहनी ने गत सोमवार को 165 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. लेकिन इन वाहनों की खास बात यह रही कि इन वाहनों में एक नाव लगी है.
असल में विकासशील इंसान पार्टी का चुनाव चिन्ह 'नाव' है. इसलिए पार्टी ने चुनावी प्रचार के लिए नाव के आकार के 165 वाहनों को 165 विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए भेजा है. बता दें कि साहनी उन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जहां निषादों की अच्छी खासी आबादी है. वहीं, अभियान के लिए ई-रिक्शा को 'नाव' में तब्दील किया गया है. जिसका उद्देश्य निषाद वोटर्स के बीच जागरूकता पैदा करना है. विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश साहनी कहते हैं- "नाव मेरे समुदाय की आजीविका का प्रतीक है और परिवहन का यह साधन पर्यावरण के अनुकूल भी है. यह नाव ही था, जिस पर निषाद राज ने भगवान राम को नदी के पार पहुंचाया था. इसलिए नाव का हमारे लिए बहुत महत्व है.''
इधर, आगामी विधानसभा चुनाव में साहनी की पार्टी अपने समाज को विकास की धारा से जोड़ने के वादे के साथ प्रचार की रणनीति बनाए हुए हैं. साथ ही प्रचार वाहन 165 निर्वाचन क्षेत्रों में घूमकर माहौल बनाने का काम करेगी. वहीं, संभावित उम्मीदवारों के बारे में फैसला करने के लिए पूर्वाचल, अवध, बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी के अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जल्द ही साहनी बैठक करेंगे. इसके अलावा क्षेत्रों का प्रभार देने वालों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में लौटने से पहले प्रचार किट और मोटरबाइक वितरित करेंगे.
मुकेश साहनी कहते हैं कि वह निषाद समुदाय के अधिकारों (Rights of Nishad Community) के लिए लड़ रहे हैं और उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उनके समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता. वहीं, अपने नाम के आगे 'सन ऑफ मल्लाह' (Son of Mallah) शब्द का प्रयोग करने वाले साहनी को यूपी के चुनावों में अच्छा समर्थन मिलने का भरोसा है, क्योंकि अन्य पार्टियों ने अब तक निषादों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया था और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया है.
बता दें कि वीआईपी बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है. लेकिन यूपी में भाजपा के साथ गठबंधन न होने की सूरत में पार्टी ने 165 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की, जिसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है.
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