गाजीपुर/चंदौली चंदौली के तत्कालीन आईपीएस अधिकारी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार द्वितीय के साथ 18 लोगों के नाम से गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र में एफआईआर हो गई है. वाराणसी के रहने वाले सिपाही अनिल कुमार ने चंदौली में तैनाती के दौरान शिकायत की थी. अनिल कुमार सिंह ने पुलिस विभाग द्वारा चंदौली में 12 लाख 50 हजार रुपये प्रतिमाह की अवैध धन वसूली लिस्ट 2021 में वायरल की थी, जिसके बाद बवाल मच गया था.
शिकायत के बाद विभागीय जांच हुई तो तथ्यों के आधार पर शिकायत सही पाई गई. अनिल कुमार का आरोप है कि इसके बाद आला अफसरों द्वारा उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. उसके चार सहयोगियों की मौत हो गई, वह भी जान बचाकर बड़सरा, नंदगंज गाजीपुर में आ गए थे. जुलाई में चंदौली पुलिस के लोग सादी वर्दी में उसका अपहरण करने आए, जिसकी सूचना थाने के साथ 112 नंबर पर मेरी बेटी द्वारा की गई. तीन दिन बाद गोकशी में मेरा झूठा चालान किया गया. इसकी शिकायत परिवार के लोग वकील के माध्यम से की लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया.
अनिल कुमार का कहना है कि जमानत पर छूटने के बाद मैंने एसपी से भी शिकायत की, लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट का सहारा लेना पड़ा. इसके बाद 156/3 में कोर्ट द्वारा केस दर्ज करने का आदेश जारी हुआ. लेकिन उसे पर भी कोई फायदा नहीं हुआ तो हाई कोर्ट गए. हाई कोर्ट से भी आदेश हुआ, लेकिन काफी लंबा समय गुजर जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई.
अधिवक्ता मुन्नू लाल ने बताया कि अनिल कुमार ने हाई कोर्ट में अवमानना का केस दायर किया. कंटेंम्ट ऑफ कोर्ट के बाद 27 नवंबर को नंदगंज थाने में अनिल कुमार सिंह की शिकायत पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसमें चंदौली के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित कुमार द्वितीय "आईपीएस" के साथ 18 पुलिसकर्मी, जिसमें आरोपी इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और पुलिस वाले शामिल है.
गाजीपुर के नंदगंज थाना में तत्कालीन एसपी अमित कुमार, तत्कालीन सदर कोतवाल राजीव कुमार सिंह, तत्कालीन स्वाट टीम प्रभारी अजीत कुमार सिंह, क्राइम ब्रांच प्रभारी रहे सत्येंद्र कुमार यादव, आरक्षी आनंद कुमार गौड़, राणा प्रताप सिंह, अमित सिंह, मुख्य आरक्षी भुल्लन यादव, आरक्षी देवेंद्र कुमार सरोज, प्रेम प्रकाश यादव, सत्येंद्र विक्रम सिंह, अंकित सिंह, गौरव राय, रोहित कुमार, मुख्य आरक्षी मनोज कुमार, आनंद सिंह, आरक्षी अजीत कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.