लखनऊ : इजराइल में श्रमिक के पद पर रोजगार के लिए, आईटीआई अलीगंज में शुरू हुए रोजगार मेले में दूसरे दिन गुरुवार को भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अपना स्किल टेस्ट देने के लिए पहुंचे. स्किल टेस्ट देने वालों में, ऐसे युवा भी शामिल हैं, जिन्होंने बीटेक या डिप्लोमा किया है.
बुधवार को प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल, विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल, इजराइल में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए, आईटीआई अलीगंज में शुरू हुए स्किल टेस्ट का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे. यह स्किल टेस्ट 3 दिसंबर तक होगा.
यूपी से अब तक 9 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा चुका है. इन श्रमिकों को 1.25 लाख से 1.5 लाख रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है.
3 दिसंबर तक अभ्यर्थियों का लिया जाएगा स्किल टेस्ट : सरकार की ओर से श्रमिकों की दक्षता बढ़ाने के लिए भाषा और कौशल सुधार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे, मिशन रोजगार योजना के तहत युवाओं को वैश्विक मंच पर रोजगार के अवसरों से जोड़ा जा रहा है.
राजकीय आईटीआई लखनऊ के प्रधानाचार्य राजकुमार यादव ने बताया कि 3 दिसंबर तक भारत-इजराइल ड्राइव 3.0 चलाया जा रहा है, जिसके तहत अभी तक 2100 से अधिक श्रमिकों का स्किल टेस्ट हो चुका है.
मंगलवार को 700, बुधवार को 674 अभ्यर्थी स्किल टेस्ट देने पहुंचे. जबकि गुरुवार को सुबह 9:00 तक 701 अभ्यर्थी अपना स्किल टेस्ट देने के लिए अपनी रिपोर्टिंग दर्ज कर चुके हैं.
इंजिनियरिंग के बाद भी रोजगार की मार : स्किल टेस्ट देने आए सहारनपुर के रवि विश्वकर्मा ने बताया कि वह पॉलिटेक्निक से इंजिनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद प्राइवेट नौकरी कर रहे थे. पिता भी प्राइवेट जॉब में हैं, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण इस नौकरी के लिए आए हैं.
जबकि बाराबंकी पवन मौर्या भी अच्छे वेतन के लिए स्किल टेस्ट देने आए. उन्होंने बताया कि आमदनी कम होने के कारण परिवार का खर्च चलाना मुश्किल है. अगर परिवार से दूर रहकर भी उनके जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है, तो कोई दिक्कत नहीं है.
इस्राइल भी देख लेंगे: देवरिया के सोम कुमार ने बताया कि इस नौकरी में अच्छा वेतन मिल रहा है. वह नौकरी के बहाने इस्राइल भी देख लेंगे.
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