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आजम खान की जमानत पर फैसला सुरक्षित - Advocate Ramesh Kumar Shukla

सरकारी लेटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.

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आजम खान की जमानत पर फैसला सुरक्षित
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Published : Feb 15, 2022, 10:18 PM IST

लखनऊ: सरकारी लेटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. अदालत के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खान काफी समय से जेल में हैं तथा उनके खिलाफ लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है. इसके अलावा मामला राजनीति से प्रेरित है.

इसे भी पढ़ेंः पूर्व मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी खारिज...

वहीं, जमानत का विरोध करते हुए विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा का तर्क था कि आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है. अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस और मौलाना सैयद कल्बे जावाद नकवी को बदनाम कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचाया.

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लखनऊ: सरकारी लेटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. अदालत के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खान काफी समय से जेल में हैं तथा उनके खिलाफ लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है. इसके अलावा मामला राजनीति से प्रेरित है.

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वहीं, जमानत का विरोध करते हुए विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा का तर्क था कि आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है. अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस और मौलाना सैयद कल्बे जावाद नकवी को बदनाम कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचाया.

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