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लखनऊ विश्वविद्यालय में बढ़ी उच्च कोटी के शोध की उम्मीद, एमओयू पर हस्ताक्षर

लखनऊ विश्वविद्यालय में शोध छात्रों को अब बेहतर संसाधन मिल सकेंगे, जिससे उच्च कोटि के शोध में सफलता मिलेगी. बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय और वनस्पति अनुसंधान संस्थान ने एक-दूसरे के संसाधनों को साझा करने को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किया.

लखनऊ विश्वविद्यालय
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Published : Dec 9, 2020, 7:17 AM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान अब विशेषज्ञता के साथ ही संसाधनों को भी साझा करेंगे. इससे उच्च कोटि के शोध में सफलता मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है. इसके लिए मंगलवार को सीएसआईआर-एनबीआरआई और लखनऊ विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए. इस दौरान कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय सहित अन्य विभागों के डीन मौजूद रहे.

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि इस एमओयू का उद्देश्य दोनों संस्थानों के छात्रों, अनुसंधान विद्वानों, वैज्ञानिकों और संकायों की भागीदारी के माध्यम से बहु-अंतर्विज्ञानी और बहु-अनुशासनात्मक अनुसंधान गतिविधियों को साझा करना, विशेषज्ञता और संसाधनों को साझा करना है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि इस ज्ञापन से हम उच्च कोटि के शोध की उम्मीद दोनों संस्थानों के विद्यार्थियों और शोधार्थियों से कर सकते हैं.

12 दिसंबर तक जमा करें शुल्क

लविवि में कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने अंडरग्रेजुएट काउंसलिंग के दूसरे चरण में सीट आवंटित की गई थी, लेकिन किसी कारण 2 नवंबर तक सीट की शुल्क का भुगतान नहीं किया गया था. ऐसे अभ्यार्थियों को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने शुल्क जमा करने की अनुमति दी है. वह 9 दिसंबर को सुबह 11 बजे से 12 दिसंबर की मध्यरात्रि तक शुल्क जमा कर सकते हैं.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान अब विशेषज्ञता के साथ ही संसाधनों को भी साझा करेंगे. इससे उच्च कोटि के शोध में सफलता मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है. इसके लिए मंगलवार को सीएसआईआर-एनबीआरआई और लखनऊ विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए. इस दौरान कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय सहित अन्य विभागों के डीन मौजूद रहे.

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि इस एमओयू का उद्देश्य दोनों संस्थानों के छात्रों, अनुसंधान विद्वानों, वैज्ञानिकों और संकायों की भागीदारी के माध्यम से बहु-अंतर्विज्ञानी और बहु-अनुशासनात्मक अनुसंधान गतिविधियों को साझा करना, विशेषज्ञता और संसाधनों को साझा करना है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि इस ज्ञापन से हम उच्च कोटि के शोध की उम्मीद दोनों संस्थानों के विद्यार्थियों और शोधार्थियों से कर सकते हैं.

12 दिसंबर तक जमा करें शुल्क

लविवि में कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने अंडरग्रेजुएट काउंसलिंग के दूसरे चरण में सीट आवंटित की गई थी, लेकिन किसी कारण 2 नवंबर तक सीट की शुल्क का भुगतान नहीं किया गया था. ऐसे अभ्यार्थियों को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने शुल्क जमा करने की अनुमति दी है. वह 9 दिसंबर को सुबह 11 बजे से 12 दिसंबर की मध्यरात्रि तक शुल्क जमा कर सकते हैं.

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