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इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज और एकेटीयू के बीच हुआ एमओयू - यूपी पुलिस और एकेटीयू के बीच एमओयू

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज और डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस दौरान सीएम योगी ने Forensic Science Institute जल्द शुरू करने के निर्देश दिए.

cm yogi adityanath  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  Forensic Science Institute  Uttar Pradesh Institute of Forensic Sciences  डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय  Dr APJ Abdul Kalam Technical University  mou signed between UP Police and AKTU  यूपी पुलिस और एकेटीयू के बीच एमओयू  अपराध अनुसंधान
सीएम योगी.
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Published : May 29, 2021, 2:48 AM IST

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष शुक्रवार को उनके सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज एवं डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि अपराध अनुसंधान के मामले में फॉरेंसिक साइंसेज की महत्वपूर्ण भूमिका को पुलिस तथा न्यायालयों ने स्वीकार किया है. वर्तमान में अपराध की प्रकृति काफी बदल गई है. अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में अपराध अनुसंधान और अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए जांच के स्तर को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाना होगा.

cm yogi adityanath  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  Forensic Science Institute  Uttar Pradesh Institute of Forensic Sciences  डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय  Dr APJ Abdul Kalam Technical University  mou signed between UP Police and AKTU  यूपी पुलिस और एकेटीयू के बीच एमओयू  अपराध अनुसंधान
सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम योगी.
लखनऊ में स्थापित होगा फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट
सीएम ने कहा कि आपराधिक मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए प्रदेश में एक फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की आवश्यकता महसूस की गई. विचार-विमर्श के बाद लखनऊ में इस इंस्टीट्यूट को स्थापित करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर भी फोकस किया जाए. इस संस्थान की स्थापना के बाद इसके क्रियाशील होने पर इसकी कार्यप्रणाली का असर फील्ड में भी दिखना चाहिए. ताकि अपराधों को तेज गति से सुलझाया जा सके.
सीएम ने संस्थान जल्द शुरू करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने इस इंस्टीट्यूट को शीघ्र बनाकर शुरू करने के निर्देश दिए. उन्होंने इसका एफीलिएशन गुजरात में स्थापित नेशनल फाॅरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) से करने के भी निर्देश दिए. अपराध अनुसंधान की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम को डिजाइन किया जाए. ताकि सक्षम मैनपावर तैयार की जा सके, जो आपराधिक प्रकरणों का हल करने में मददगार साबित हो. इस इंस्टीट्यूट में एक साल के अन्दर पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं.

यह भी पढ़ें-योगी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर जारी



50 एकड़ में बनेगा इंस्टीट्यूट
यह दोनों संस्थान संयुक्त रूप से पुलिस और फाॅरेंसिक विज्ञान में नये तरीकों को विकसित करने और मानक संचालन प्रक्रियाओं को तैयार करने का काम करेंगे. प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस प्रशासन एवं फाॅरेंसिक साइंस के क्षेत्र में अध्ययन के लिए लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र में 50 एकड़ भूमि में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज का निर्माण कराया जा रहा है.

अलग से स्थापित होगा उत्कृष्टता केंद्र
एनएफएसयू की तरफ से वैज्ञानिक अपराध जांच के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है. यह केंद्र इस संस्थान परिसर में पांच एकड़ भूमि पर अलग इकाई के रूप में होगा. यह सेंटर गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अलग से स्थापित किया जा रहा है.

कुलपति ने एमओयू के बारे में बताया
एकेटीयू के कुलपति ने उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज के नेचर एण्ड स्कोप पर विस्तार से प्रकाश डाला. कार्यक्रम को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी ने भी सम्बोधित किया. इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस राधा चैहान, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

यह संस्थान का उद्देश्य
बता दें कि इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य पुलिस प्रशासन, फॉरेंसिक साइंस, व्यावहारिक विज्ञान, प्रौद्योगिकीय एवं प्रबन्धन के क्षेत्र में नवीन शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करना है. इस एमओयू से समाज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में लाभप्रद अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान प्रदान किया जा सकेगा. छात्रों एवं संकाय के लाभ के लिए उत्कृष्टता केन्द्र, नवाचार केन्द्र तथा अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी.

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष शुक्रवार को उनके सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज एवं डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि अपराध अनुसंधान के मामले में फॉरेंसिक साइंसेज की महत्वपूर्ण भूमिका को पुलिस तथा न्यायालयों ने स्वीकार किया है. वर्तमान में अपराध की प्रकृति काफी बदल गई है. अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में अपराध अनुसंधान और अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए जांच के स्तर को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाना होगा.

cm yogi adityanath  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  Forensic Science Institute  Uttar Pradesh Institute of Forensic Sciences  डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय  Dr APJ Abdul Kalam Technical University  mou signed between UP Police and AKTU  यूपी पुलिस और एकेटीयू के बीच एमओयू  अपराध अनुसंधान
सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम योगी.
लखनऊ में स्थापित होगा फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट
सीएम ने कहा कि आपराधिक मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए प्रदेश में एक फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की आवश्यकता महसूस की गई. विचार-विमर्श के बाद लखनऊ में इस इंस्टीट्यूट को स्थापित करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर भी फोकस किया जाए. इस संस्थान की स्थापना के बाद इसके क्रियाशील होने पर इसकी कार्यप्रणाली का असर फील्ड में भी दिखना चाहिए. ताकि अपराधों को तेज गति से सुलझाया जा सके.
सीएम ने संस्थान जल्द शुरू करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने इस इंस्टीट्यूट को शीघ्र बनाकर शुरू करने के निर्देश दिए. उन्होंने इसका एफीलिएशन गुजरात में स्थापित नेशनल फाॅरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) से करने के भी निर्देश दिए. अपराध अनुसंधान की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम को डिजाइन किया जाए. ताकि सक्षम मैनपावर तैयार की जा सके, जो आपराधिक प्रकरणों का हल करने में मददगार साबित हो. इस इंस्टीट्यूट में एक साल के अन्दर पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं.

यह भी पढ़ें-योगी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर जारी



50 एकड़ में बनेगा इंस्टीट्यूट
यह दोनों संस्थान संयुक्त रूप से पुलिस और फाॅरेंसिक विज्ञान में नये तरीकों को विकसित करने और मानक संचालन प्रक्रियाओं को तैयार करने का काम करेंगे. प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस प्रशासन एवं फाॅरेंसिक साइंस के क्षेत्र में अध्ययन के लिए लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र में 50 एकड़ भूमि में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज का निर्माण कराया जा रहा है.

अलग से स्थापित होगा उत्कृष्टता केंद्र
एनएफएसयू की तरफ से वैज्ञानिक अपराध जांच के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है. यह केंद्र इस संस्थान परिसर में पांच एकड़ भूमि पर अलग इकाई के रूप में होगा. यह सेंटर गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अलग से स्थापित किया जा रहा है.

कुलपति ने एमओयू के बारे में बताया
एकेटीयू के कुलपति ने उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज के नेचर एण्ड स्कोप पर विस्तार से प्रकाश डाला. कार्यक्रम को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी ने भी सम्बोधित किया. इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस राधा चैहान, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

यह संस्थान का उद्देश्य
बता दें कि इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य पुलिस प्रशासन, फॉरेंसिक साइंस, व्यावहारिक विज्ञान, प्रौद्योगिकीय एवं प्रबन्धन के क्षेत्र में नवीन शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करना है. इस एमओयू से समाज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में लाभप्रद अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान प्रदान किया जा सकेगा. छात्रों एवं संकाय के लाभ के लिए उत्कृष्टता केन्द्र, नवाचार केन्द्र तथा अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी.

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