लखनऊ: दहेज में मोटरसाइकिल की मांग पूरी न होने पर विवाहिता को जलाकर मार डालने के एक 18 साल पुराने मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पवन राय ने आरोपी सास रामकली को दोषसिद्ध करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई के उपरांत कोर्ट ने आरोपी सास को दस साल के कारावास और चार हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है.
कोर्ट में सरकारी वकील ने तर्क दिया कि वादी राम लोटन ने गोसाईगंज थाने में 16 जून 2004 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वादी ने अपनी पुत्री गुडाना की शादी एक वर्ष पूर्व राम कुमार से की थी. कहा गया कि आरोपी ससुराल वाले दहेज में मोटरसाइकिल की मांग करते थे. मांग पूरी न होने पर सास रामकली, ससुर और ससुराल वालों ने 12 जून 2004 को उनकी बेटी गुडाना को जला दिया. उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई.
नाबालिग के साथ छेड़छाड़ के अभियुक्त को एक साल की सजा
वहीं नाबालिग से छेड़छाड़ के एक मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट ने अभियुक्त को एक साल कारावास की सजा से दंडित किया है. पिता को खेत पर न देखकर वापस आ रही नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने और जानमाल की धमकी देने का आरोप गांव के ही श्रवण पर था. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भव्या तिवारी ने उसे दोषसिद्ध करार देते हुए एक साल के कारावास और तीन हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है.
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कोर्ट में अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि वादी राम प्रसाद ने निगोहां में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 27 अगस्त 2011 को वादी की पुत्री उसके लिए खाना लेकर आई थी. जब वह घर जा रही थी तो रास्ते में गांव का श्रवण मिला. कहा गया कि आरोपी ने वादी की नाबालिग पुत्री का मुंह दबाकर अश्लीलता की और जानमाल की धमकी दी.
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