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ऑक्सीजन थेरेपी से ठीक हो रहे ज्यादातर मरीज : KGMU

लखनऊ स्थित केजीएमयू प्रशासन ने बीते दिनों एक विज्ञप्ति जारी की. जारी विज्ञप्ति में अस्पताल प्रशासन ने कहा कि कोरोना व निमोनिया-टायफाइड से ग्रसित मरीज भी अस्पताल में स्वस्थ हो रहे हैं. इसके लिए ऑक्सीजन थेरेपी का सहारा लिया जा रहा है.

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हो रहा निमोनिया और टायफाइड.
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Published : May 10, 2021, 8:38 AM IST

लखनऊ: कोरोना के वे मरीज, जिनके खून में ऑक्सीजन की मात्रा 60 प्रतिशत से भी कम है, उनमें टायफाइड और निमोनिया के लक्षण पाए जा रहे हैं. उनका इलाज केजीएमयू के संक्रमण रोग अस्पताल (आईडीएच) के कोविड आईसीयू में किया जा रहा है. केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है.

इन मरीजों का इलाज विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त प्रोफेसर एवं डॉ. अजय कुमार वर्मा, रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर जूनियर ग्रेड की देखरेख में हो रहा है. बहुत से मरीजों की स्थिति में सुधार व एक्स-रे या सीटी स्कैन में सुधार देखने के बाद उन्हें आईसीयू से हटाकर आइसोलेशन वार्ड में स्थानान्तरित किया जा रहा है. डॉ. अजय वर्मा ने बताया है कि मरीजों के इलाज में पूरी चिकित्सा की टीम लगी है. परिणाम स्वरूप पाया गया कि कोरोना व निमोनिया या टायफाइड से ग्रसित मरीजों को ठीक करने में पूरी टीम सक्षम हुई है.

मरीजों में निमोनिया के लक्षण
कहा कि कोरोना के गंभीर मरीजों में निमोनिया के लक्षण पाए जा रहे हैं. उनका ऑक्सीजन लेवल जल्दी सामान्य होने की वजह से जरूरी दवा उपचार बताकर घर भेज दिया जाता है. वरिष्ठ चिकित्सक आईडीएच की इस टीम में नौ रेजीडेन्ट चिकित्सक डॉ. प्रशान्त (सीनियर रेजिडेन्ट), डॉ. डेविड (JRIII), डॉ. यश (JRIII), डॉ. सुनीता (JRIII), डॉ. नन्दिनी (JRII), अमित (JRII), डॉ. कौस्तुम (JRII), डॉ. अविनाश और डॉ. नमन (JRI) भी दिन रात मरीजों को बचाने में लगे हुए हैं.

10 दिन में ठीक हुए विश्वजीत
चिकित्सक का कहना है कि अस्पताल में कोरोना मरीजों थेरेपी भी दी जा रही है. 42 वर्षीय विश्वजीत शर्मा कोरोना से पीड़ित थे. होम आइसोलेशन में इनका ऑक्सीजन लेवल 67 प्रतिशत था. इन्हें अस्पताल में भर्ती करने के बाद ऑक्सीजन थेरेपी दी गई. इसके अलावा गहरी सांस लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया. समय-समय पर शर्मा को फिजियोथेरेपी एवं प्रीनिंग भी कराई गई. इस प्रकार लगभग 10 दिन तक इलाज करने के बाद इनकी ऑक्सीजन (कृत्रिम) पर निर्भरता कम होने लगी. ये बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के भी सामान्य सांस लेने लगे. इन्हें 10 दिन के भीतर ही घर भेज दिया गया.

घर लौटीं फातिमा
55 वर्षीय फातिमा का ऑक्सीजन लेवल 78 प्रतिशत था. कोविड के हिसाब से इलाज एवं फिजियोथेरेपी दी गई. ठीक होने के बाद फातिमा डॉक्टरों का धन्यवाद करते हुए घर लौटीं. कोरोना से पीड़ित मरीज को चिकित्सक बेहतर इलाज के साथ ही उनके तीमारदारों को मानसिक तौर पर भी बीमारी से लड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इससे पहले भी इसी प्रकार बहुत से मरीज ठीक हुए हैं.

लखनऊ: कोरोना के वे मरीज, जिनके खून में ऑक्सीजन की मात्रा 60 प्रतिशत से भी कम है, उनमें टायफाइड और निमोनिया के लक्षण पाए जा रहे हैं. उनका इलाज केजीएमयू के संक्रमण रोग अस्पताल (आईडीएच) के कोविड आईसीयू में किया जा रहा है. केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है.

इन मरीजों का इलाज विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त प्रोफेसर एवं डॉ. अजय कुमार वर्मा, रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर जूनियर ग्रेड की देखरेख में हो रहा है. बहुत से मरीजों की स्थिति में सुधार व एक्स-रे या सीटी स्कैन में सुधार देखने के बाद उन्हें आईसीयू से हटाकर आइसोलेशन वार्ड में स्थानान्तरित किया जा रहा है. डॉ. अजय वर्मा ने बताया है कि मरीजों के इलाज में पूरी चिकित्सा की टीम लगी है. परिणाम स्वरूप पाया गया कि कोरोना व निमोनिया या टायफाइड से ग्रसित मरीजों को ठीक करने में पूरी टीम सक्षम हुई है.

मरीजों में निमोनिया के लक्षण
कहा कि कोरोना के गंभीर मरीजों में निमोनिया के लक्षण पाए जा रहे हैं. उनका ऑक्सीजन लेवल जल्दी सामान्य होने की वजह से जरूरी दवा उपचार बताकर घर भेज दिया जाता है. वरिष्ठ चिकित्सक आईडीएच की इस टीम में नौ रेजीडेन्ट चिकित्सक डॉ. प्रशान्त (सीनियर रेजिडेन्ट), डॉ. डेविड (JRIII), डॉ. यश (JRIII), डॉ. सुनीता (JRIII), डॉ. नन्दिनी (JRII), अमित (JRII), डॉ. कौस्तुम (JRII), डॉ. अविनाश और डॉ. नमन (JRI) भी दिन रात मरीजों को बचाने में लगे हुए हैं.

10 दिन में ठीक हुए विश्वजीत
चिकित्सक का कहना है कि अस्पताल में कोरोना मरीजों थेरेपी भी दी जा रही है. 42 वर्षीय विश्वजीत शर्मा कोरोना से पीड़ित थे. होम आइसोलेशन में इनका ऑक्सीजन लेवल 67 प्रतिशत था. इन्हें अस्पताल में भर्ती करने के बाद ऑक्सीजन थेरेपी दी गई. इसके अलावा गहरी सांस लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया. समय-समय पर शर्मा को फिजियोथेरेपी एवं प्रीनिंग भी कराई गई. इस प्रकार लगभग 10 दिन तक इलाज करने के बाद इनकी ऑक्सीजन (कृत्रिम) पर निर्भरता कम होने लगी. ये बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के भी सामान्य सांस लेने लगे. इन्हें 10 दिन के भीतर ही घर भेज दिया गया.

घर लौटीं फातिमा
55 वर्षीय फातिमा का ऑक्सीजन लेवल 78 प्रतिशत था. कोविड के हिसाब से इलाज एवं फिजियोथेरेपी दी गई. ठीक होने के बाद फातिमा डॉक्टरों का धन्यवाद करते हुए घर लौटीं. कोरोना से पीड़ित मरीज को चिकित्सक बेहतर इलाज के साथ ही उनके तीमारदारों को मानसिक तौर पर भी बीमारी से लड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इससे पहले भी इसी प्रकार बहुत से मरीज ठीक हुए हैं.

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