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महिला अस्पतालों में सितंबर महीने में सबसे अधिक हुई सिजेरियन डिलीवरी

महिला अस्पतालों में अक्सर सिजेरियन विधि से डिलीवरी करवाई जाती है. अब सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ज्यादा झंझट नहीं रखते हैं और तुरंत ऑपरेशन के लिए कह देते हैं. झलकारी बाई अस्पताल, क्वीन मैरी अस्पताल और अवंतीबाई अस्पताल में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में से सबसे अधिक सिजेरियन डिलीवरी सितंबर महीने में हुई.

सितंबर महीने में सबसे अधिक हुई सिजेरियन डिलीवरी
सितंबर महीने में सबसे अधिक हुई सिजेरियन डिलीवरी
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Published : Nov 10, 2021, 12:31 PM IST

लखनऊ: महिला अस्पतालों में अक्सर सिजेरियन विधि से डिलीवरी करवाई जाती है. अब सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ज्यादा झंझट नहीं रखते हैं और तुरंत ऑपरेशन के लिए कह देते हैं. झलकारी बाई अस्पताल, क्वीन मैरी अस्पताल और अवंतीबाई अस्पताल में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में से सबसे अधिक सिजेरियन डिलीवरी सितंबर महीने में हुई. तीनों अस्पताल में एक ही महीने में सबसे अधिक सिजेरियन विधि से डिलीवरी कराई गई.

वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि बीते तीनों महीनों के डिलीवरी आंकड़े जारी कर दिया है. वैसे तो आमतौर पर हर महीने ये आंकड़े जारी किए जाते हैं, लेकिन इस बार अगस्त, सितंबर और अक्टूबर तीनों महीनों के डाटा एक साथ जारी किए गए हैं. इन तीनों महीनों की तुलना में सितंबर में सबसे अधिक सिजेरियन विधि से डिलीवरी कराई गई है.

डॉ. रंजना खरे सीएमएस, वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल

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वहीं, उन्होंने बताया कि हमारे पास अधिकतर रेफर केस ही आते हैं. यही कारण है कि सितंबर माह में अधिक रेफर मामले आए थे. जिसके कारण सितंबर महीने में अधिक सिजेरियन विधि से प्रसव कराए गए. क्योंकि जब भी सीरियस मामले रेफर होकर आते हैं तो उन्हें तुरंत एचडीयू में शिफ्ट करके इलाज दिया जाता है, ताकि जच्चा-बच्चा सुरक्षित रहें.

आंकड़ों पर एक नजर

अगस्त में सिजेरियन डिलीवरी 191 व नॉर्मल 116, सितंबर में सिजेरियन डिलीवरी 203 व नॉर्मल 186 और अक्टूबर में सिजेरियन डिलीवरी 191 व नॉर्मल 127 डिलीवरी हुई.

सितंबर महीने में सबसे अधिक हुई सिजेरियन डिलीवरी
सितंबर महीने में सबसे अधिक हुई सिजेरियन डिलीवरी

वहीं, क्वीन मेरी अस्पताल की मीडिया प्रभारी डॉ. रेखा सचान बताती हैं कि हमारे अस्पताल में हमेशा रेफर मामले ही आते हैं. इसलिए यहां अधिकांश डिलीवरी सिजेरियन विधि से कराई जाती है. रोजाना पांच से छह केस अन्य जगहों से रेफर होकर आते हैं. सभी हाई डिपेंडेंसी यूनिट में भर्ती होते हैं. महीने में तकरीबन 150 से 200 के बीच में सिजेरियन डिलीवरी होती है.

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इस बार सितम्बर महीने में 263 सिजेरियन डिलीवरी हुई है. जबकि 167 नॉर्मल डिलीवरी हुई है. वहीं, ओपीडी में रोजाना 150 से अधिक गर्भवती महिलाओं को देखा जा रहा हैं. उन्होंने बताया कि हमारे यहां सिजेरियन डिलीवरी इसलिए भी अधिक होती है क्योंकि बहुत सी महिलाएं खुद ही ऑपरेट कराने के लिए कहती है.

डॉ. रंजना खरे सीएमएस, वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल
डॉ. रंजना खरे सीएमएस, वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल

इधर, अवंतीबाई महिला अस्पताल की निदेशक डॉ. सीमा बताती है कि सिजेरियन डिलीवरी अगस्त में 197 व नॉर्मल 218, सितंबर में सिजेरियन डिलीवरी 254 व नॉर्मल 179 और अक्टूबर में सिजेरियन डिलीवरी 183 व नॉर्मल 275 हुई है. उन्होंने बताया कि सिजेरियन डिलीवरी निर्भर करता है कि किस महीने में कितने सीरियस केस और रेफर केस आते हैं.

सितंबर में सबसे अधिक रेफर केस 321 आए हैं जिनमें से 143 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया बाकी अन्य महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी हुई थी.

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लखनऊ: महिला अस्पतालों में अक्सर सिजेरियन विधि से डिलीवरी करवाई जाती है. अब सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ज्यादा झंझट नहीं रखते हैं और तुरंत ऑपरेशन के लिए कह देते हैं. झलकारी बाई अस्पताल, क्वीन मैरी अस्पताल और अवंतीबाई अस्पताल में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में से सबसे अधिक सिजेरियन डिलीवरी सितंबर महीने में हुई. तीनों अस्पताल में एक ही महीने में सबसे अधिक सिजेरियन विधि से डिलीवरी कराई गई.

वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि बीते तीनों महीनों के डिलीवरी आंकड़े जारी कर दिया है. वैसे तो आमतौर पर हर महीने ये आंकड़े जारी किए जाते हैं, लेकिन इस बार अगस्त, सितंबर और अक्टूबर तीनों महीनों के डाटा एक साथ जारी किए गए हैं. इन तीनों महीनों की तुलना में सितंबर में सबसे अधिक सिजेरियन विधि से डिलीवरी कराई गई है.

डॉ. रंजना खरे सीएमएस, वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल

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वहीं, उन्होंने बताया कि हमारे पास अधिकतर रेफर केस ही आते हैं. यही कारण है कि सितंबर माह में अधिक रेफर मामले आए थे. जिसके कारण सितंबर महीने में अधिक सिजेरियन विधि से प्रसव कराए गए. क्योंकि जब भी सीरियस मामले रेफर होकर आते हैं तो उन्हें तुरंत एचडीयू में शिफ्ट करके इलाज दिया जाता है, ताकि जच्चा-बच्चा सुरक्षित रहें.

आंकड़ों पर एक नजर

अगस्त में सिजेरियन डिलीवरी 191 व नॉर्मल 116, सितंबर में सिजेरियन डिलीवरी 203 व नॉर्मल 186 और अक्टूबर में सिजेरियन डिलीवरी 191 व नॉर्मल 127 डिलीवरी हुई.

सितंबर महीने में सबसे अधिक हुई सिजेरियन डिलीवरी
सितंबर महीने में सबसे अधिक हुई सिजेरियन डिलीवरी

वहीं, क्वीन मेरी अस्पताल की मीडिया प्रभारी डॉ. रेखा सचान बताती हैं कि हमारे अस्पताल में हमेशा रेफर मामले ही आते हैं. इसलिए यहां अधिकांश डिलीवरी सिजेरियन विधि से कराई जाती है. रोजाना पांच से छह केस अन्य जगहों से रेफर होकर आते हैं. सभी हाई डिपेंडेंसी यूनिट में भर्ती होते हैं. महीने में तकरीबन 150 से 200 के बीच में सिजेरियन डिलीवरी होती है.

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इस बार सितम्बर महीने में 263 सिजेरियन डिलीवरी हुई है. जबकि 167 नॉर्मल डिलीवरी हुई है. वहीं, ओपीडी में रोजाना 150 से अधिक गर्भवती महिलाओं को देखा जा रहा हैं. उन्होंने बताया कि हमारे यहां सिजेरियन डिलीवरी इसलिए भी अधिक होती है क्योंकि बहुत सी महिलाएं खुद ही ऑपरेट कराने के लिए कहती है.

डॉ. रंजना खरे सीएमएस, वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल
डॉ. रंजना खरे सीएमएस, वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल

इधर, अवंतीबाई महिला अस्पताल की निदेशक डॉ. सीमा बताती है कि सिजेरियन डिलीवरी अगस्त में 197 व नॉर्मल 218, सितंबर में सिजेरियन डिलीवरी 254 व नॉर्मल 179 और अक्टूबर में सिजेरियन डिलीवरी 183 व नॉर्मल 275 हुई है. उन्होंने बताया कि सिजेरियन डिलीवरी निर्भर करता है कि किस महीने में कितने सीरियस केस और रेफर केस आते हैं.

सितंबर में सबसे अधिक रेफर केस 321 आए हैं जिनमें से 143 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया बाकी अन्य महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी हुई थी.

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