लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दशकों से बंद पड़े राज्य सरकार के प्रशिक्षण संस्थानों के फिर से संचालन के लिए योगी सरकार कार्ययोजना तैयार कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आला अधिकारियों को एएनएम और जीएनएम के बेहतर प्रशिक्षण के लिए अवस्थापना सुविधाओं पर काम करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल, प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के 40 से अधिक पैरामेडिकल प्रशिक्षण केंद्र वर्ष 1989 से बंद थे. युवाओं की जरूरत को देखते हुए सभी जरूरी अवस्थापना सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ राज्य सरकार इनका दोबारा संचालन शुरू करा रही है.
यूपी में 15 जुलाई से 9 नर्सिंग स्कूल शुरू होने जा रहे हैं, जबकि अगस्त में 35 एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों का संचालन शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को हर संस्थान में मानकों का कड़ाई से अनुपालन कराए जाने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा कि हर संस्थान में मानकों का कड़ाई से अनुपालन कराए. उन्होंने कहा कि फैकल्टी पर्याप्त हो, अच्छी हो इस बात का पूरा ध्यान रखें. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भी इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करें.
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वहीं, प्रदेश में जीएनएम ट्रेनिंग स्कूल, एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन, मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भी नर्सिंग प्रशिक्षण की व्यवस्था होने के बाद यूपी सबसे बड़े नर्सिंग हब के रूप में उभरेगा. मेडिकल क्षेत्र में यूपी सरकार के अथक प्रयासों से कोरोना काल के बावजूद कम समय में यूपी के चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं.
बता दें कि योगी सरकार 2.0 में चिकित्सीय सेवाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेश सरकार ने 100 दिवसीय कार्ययोजना के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से नर्सिंग पाठ्यक्रमों की सीटों में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग संस्थानों में संचालित नर्सिंग पाठ्यक्रमों में कुल 7000 सीटों को बढ़ाया गया है.
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