लखनऊ: कोविड-19 की वजह से विधायक निधि पिछले सत्र में समाप्त कर दी गई थी. लेकिन अब विधायकों की संस्तुति पर उनके क्षेत्रों के विकास के लिए अलग से धनराशि दिए जाने का प्रावधान इस बजट में किया गया है. या फिर यूं कहें कि योगी सरकार ने विधायकों की मुराद पूरी कर दी है. दरअसल निधि समाप्त होने से ज्यादातर विधायक इस चिंता में थे कि अगले साल विधानसभा चुनाव है और वह क्षेत्र की जनता के सामने कैसे जाएंगे.
जानिए पूरा मामला
विधायक अपने क्षेत्र के विकास के लिए संस्तुति कर सकेंगे, इसके लिए बजट में 1512 करोड़ का प्रावधान किया गया है. सोमवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ज्यों ही इसका एलान किया, पूरे सदन ने मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया. वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार कोरोना कालखंड के उपरांत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश के विकास में विधानमंडल के सदस्यों के प्रत्यक्ष योगदान हेतु क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए विधायकों को उनकी संस्तुति पर क्षेत्र विकास निधि के बराबर धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए 1512 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है. इसके साथ ही योगी सरकर ने विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लिए बजट में बढोत्तरी की है.
एक्सप्रेस वे से खुलेगी तरक्की की राह
सीएम योगी ने गंगा एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के माध्यम से सूबे को पूरब से लेकर पश्चिम तक जोड़ दिया है. इसके लिए उन्होंने भारी और मध्यम उद्योग में 105 फीसदी की वृद्धि की है. इसमें गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना (भूमि अधिग्रहण, खरीद और यूटिलिटी शिफ्टिंग आदि) में 34.46 फीसदी है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे परियोजना में 98.89 फीसदी और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे परियोजना में 114.96 फीसदी वृद्धि की गई है. आईटी और इलेक्ट्रानिक्स में पिछले बजट में 170 करोड़ रुपए दिए गए थे, जबकि अगले वित्तीय वर्ष के लिए इस बार 262 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसमें भी 54.53 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
धर्मार्थ कार्य के लिए 47 फीसदी बढ़ा बजट
सीएम योगी ने चिकित्सा शिक्षा के मद में पिछले वित्त वर्ष में 6915 करोड़ रुपये दिए थे, जबकि इस बार 32.19 फीसदी वृद्धि करते हुए 9141 करोड़ दिए हैं. सार्वजनिक स्वास्थ्य, खाद्य और औषधि नियंत्रण में 28 फीसदी की वृद्धि के साथ 1147 करोड़ दिए गए हैं. धर्मार्थ कार्य के लिए पिछले बजट में 292 करोड़ दिए गए थे, जबकि अगले वित्तीय वर्ष के लिए 47 फीसदी बढ़ोतरी करते हुए 431 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं.