लखनऊ: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश में दुष्कर्म के आरोपों से घिरे नेताओं की श्रृंखला में एक और नेता की बढ़ोतरी हो गई है. इससे पहले प्रदेश के छह से अधिक पूर्व मंत्री, विधायक और सांसद दुष्कर्म के आरोपों से घिरे हुए हैं. इन राजनेताओं के विरुद्ध अदालतों में मुकदमें लंबित हैं. इसमें चिन्मयानंद से लेकर अमरमणि त्रिपाठी, गायत्री प्रजापति, कुलदीप सिंह सेंगर, आनंद सेन, पुरुषोत्तम द्विवेदी, मेजर उदित, अतुल राय और राम नरेश द्विवेदी जैसे और भी कई नेताओं का नाम शामिल है.
इन नेताओं पर लगे हैं दुष्कर्म के गंभीर आरोप-
चिन्मयानंद
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एसएस लॉ कॉलेज में कानून की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया. इसके बाद दुष्कर्म के मामले में पूर्व राज्य गृह मंत्री चिन्मयानंद को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है.
अमरमणि त्रिपाठी
बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी जानी-मानी कवियत्री मधुमिता हत्याकांड में सलाखों के पीछे हैं. कवित्री मधुमिता अमरमणि के बच्चे की मां बनने वाली थी, तभी गर्भ में 7 माह के बच्चे की अवस्था के दौरान अमरमणि के आदमियों ने कवित्री मधुमिता के मकान पर जाकर उन्हें गोली मार दी. इस घटना के बाद अमरमणि और मधुमति के रिश्तों का खुलासा जनता के सामने हुआ. कोर्ट ने इस घटना के बाद अमरमणि को रेप और हत्या की धाराओं में आजीवन कारावास की सजा दी. उस समय अमरमणि बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे.
गायत्री प्रजापति
समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर 16 वर्षीय लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. दुष्कर्म के आरोपों के बाद गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी हुई और गायत्री प्रजापति सलाखों के पीछे हैं. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. सीबीआई सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ जांच कर रही है. सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद गायत्री प्रजापति का कद समाजवादी पार्टी में भी कमजोर हो गया.
कुलदीप सिंह सेंगर
नौकरी मांगने गई एक लड़की से दुष्कर्म के मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सलाखों के पीछे हैं. पीड़िता ने 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार करते हुए दुष्कर्म के गुनाहगारों खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने जांच की और कुलदीप सिंह सेंगर को सलाखों के पीछे भेज दिया. सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है. इसी बीच साल 2019 में पीड़िता और उसका वकील सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए, दोनों का इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है. वहीं एक्सीडेंट मामले की भी जांच सीबीआई कर रही है. भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे आरोपों के लंबे समय बाद भाजपा ने कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता निरस्त कर दी.
आनंद सेन
बसपा सरकार में मंत्री रहे आनंद सेन रेप और हत्या मामले में सलाखों के पीछे हैं. साल 2011 में बहुचर्चित शशि हत्याकांड में फैजाबाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए माया सरकार के पूर्व मंत्री और तात्कालिक बसपा विधायक आनंद सेन को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.
पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी
बांदा से पूर्व विधायक व बसपा नेता रहे पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी नौकरानी से रेप के मामले में जेल की सलाखों के पीछे हैं. कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा दी है. पुरुषोत्तम द्विवेदी की नौकरानी ने पुरुषोत्तम द्विवेदी पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे, जिसके बाद कोर्ट ने धारा 376 के तहत उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई. पुरुषोत्तम द्विवेदी को सजा मिलने के बाद बसपा की खूब किरकिरी हुई थी.
अतुल राय
उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट से सपा और बसपा के संयुक्त सांसद रहे अतुल राय पर कॉलेज की एक छात्रा ने अपहरण और रेप के आरोप लगाए थे. आरोपों पर जांच करते हुए पुलिस ने अतुल राय को सलाखों के पीछे भेज दिया है. जेल जाने से बचने के लिए अतुल राय ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक लगाने और फिर रद करने के लिए याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने अतुल राय की याचिका खारिज कर दी है. वर्तमान में अतुल राय जेल के पीछे हैं. पीड़िता ने डीजीपी ओपी सिंह को पत्र लिखकर अतुल राय के ऊपर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद अतुल राय पर कार्रवाई की गई.
ईटीवी से बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कई ऐसे राजनेता हैं, जो दुष्कर्म के आरोप में सलाखों के पीछे हैं. अगर इन राजनेताओं के राजनीति की बात की जाए तो सामान्यतया देखा गया है कि जिन नेताओं के ऊपर दुष्कर्म के आरोप लगते हैं वह अपने क्षेत्र में काफी प्रभावशाली होते हैं. हालांकि इन नेताओं पर आरोप लगने के बाद भी पार्टियां तब तक इनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाती हैं, जब तक पार्टियों को अपना नुकसान नहीं महसूस होता है.