लखनऊः रायबरेली सदर सीट से विधायक अदिति सिंह को कांग्रेस की महिला विंग से निलंबित कर दिया गया है. वहीं कांग्रेस के प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने अदिति सिंह के निलंबन को निराधार करार दिया है. उन्होंने कहा कि अदिति सिंह से कांग्रेस का रिश्ता पिछले साल अक्टूबर महीने में ही टूट चुका है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर इस तरह की अफवाह को बल दिया जा रहा है.
रायबरेली से विधायक आदित्य सिंह ने प्रवासी श्रमिकों के लिए बस की सुविधा मुहैया कराए जाने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर हमला बोला था. बृहस्पतिवार को उनके कांग्रेस पार्टी के महिला शाखा के महासचिव पद से निलंबित किए जाने की खबर पूरे दिन चर्चा में रही.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने इसे निराधार करार देते हुए कहा कि अदिति सिंह कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुई थीं. कांग्रेस नेतृत्व ने उनके पिता अखिलेश सिंह की कांग्रेस के प्रति निष्ठा को देखते हुए उन्हें मौका दिया था, लेकिन उन्होंने अपने पिता के निधन के साथ ही कांग्रेस से मुंह मोड़ लिया.
सिद्धार्थ ने बताया कि पिछले साल 2 अक्टूबर को जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ में पैदल मार्च कर रही थीं तो अदिति सिंह विधानसभा के विशेष सत्र में शिरकत कर योगी सरकार की वाहवाही की थी. उन्होंने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था और व्हिप जारी किया गया था कि कोई भी सदस्य विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल नहीं होगा.
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इसके बाद ही अदिति सिंह को विधानसभा की सदस्यता से बर्खास्त कराने के लिए कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने आवेदन किया. कांग्रेस की याचिका अभी विधानसभा में लंबित है. पार्टी से भी उन्हें अक्टूबर माह में ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. ऐसे में उनके बारे में इस तरह की चर्चा करना, उन्हें कांग्रेस में बताना और महिला शाखा का पदाधिकारी बताकर निलंबित करने की बात करना एक साजिश का हिस्सा है. इस पूरी अफवाह के पीछे भारतीय जनता पार्टी की ताकत है. अदिति सिंह का कांग्रेस से पिछले कई महीनों से रिश्ता नहीं है.