लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में खो चुकी फाइलों को तलाशने की जगह डुप्लीकेट फाइल खोली जाएंगी. जिसको लेकर एक कमेटी का गठन कर दिया गया है. कम से कम 25 हजार फाइलें लखनऊ विकास प्राधिकरण में गुम हैं. इनका निदान निकाला जाएगा. यह कमेटी लोगों की समस्याओं का समाधान करेगी. लविप्रा डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि हजारों लोग इस दिक्क़त को लेकर परेशान हैं. डुप्लीकेट फ़ाइल खोलने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. ले-आउट के परीक्षण एवं सम्पत्ति के सापेक्ष जमा धनराशि का सत्यापन आसानी से हो जाए. इसके लिए नगर नियोजक और सहायक लेखाधिकारी को कमेटी में शामिल किया गया है.
हर माह जितनी भी फाइल दोबारा तैयार की जाएंगी समिति को उनकी स्कैनिंग कराने के साथ ही फाइलों का ब्योरा सचिव को उपलब्ध कराना होगा. इसके अलावा समिति को किसी भी प्रकरण की फाइल सृजित करने से पहले अभिलेखागार से डिटेल रिपोर्ट प्राप्त करनी होगी. फाइल गायब होने में कौन शामिल रहा, फाइल की आखिरी कस्टडी जिसके पास रही होगी, उसका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा. संबंधित कर्मचारी की सर्विस बुक में रिकॉर्ड दर्ज होगा. उनके खिलाफ कार्रवाई के सम्बंध में सचिव के स्तर पर प्रत्येक माह समीक्षा की जाएगी. इस कमेटी को हर हाल में यह ध्यान रखना होगा कि फाइल के नाम पर गलत फाइल खोलकर किसी को गलत तरीके से लाभ न पहुंचाया जाएगा.
आवंटियों की सहूलियत के लिए यह एक सराहनीय कदम है. फाइल खोलने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी. उपाध्यक्ष ने सम्बंधित प्रभारी सम्पत्ति अधिकारी की अध्यक्षता में नगर नियोजक, सहायक लेखाधिकारी व सम्बंधित सम्पत्ति अधिकारी (स्तर-1) की कमेटी गठित कर दी है, जो गुणदोष के आधार पर परीक्षण करक फाइल खोलने के विषय पर निर्णय होगा.
लखनऊ विकास प्राधिकरण में गुम हो चुकी हैं हजारों फाइलें, अब होगी यह कार्रवाई
लखनऊ विकास प्राधिकरण के आवंटियों की सहूलियत के लिए एक सराहनीय कदम उठाया गया है. हजारों आवंटियों की फाइलों को गायब करने वालों पर कार्रवाई के साथ उनकी डुप्लीकेट फाइल भी तैयार की जाएगी. इससे आवंटियों का राहत मिलने की उम्मीद है.
लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में खो चुकी फाइलों को तलाशने की जगह डुप्लीकेट फाइल खोली जाएंगी. जिसको लेकर एक कमेटी का गठन कर दिया गया है. कम से कम 25 हजार फाइलें लखनऊ विकास प्राधिकरण में गुम हैं. इनका निदान निकाला जाएगा. यह कमेटी लोगों की समस्याओं का समाधान करेगी. लविप्रा डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि हजारों लोग इस दिक्क़त को लेकर परेशान हैं. डुप्लीकेट फ़ाइल खोलने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. ले-आउट के परीक्षण एवं सम्पत्ति के सापेक्ष जमा धनराशि का सत्यापन आसानी से हो जाए. इसके लिए नगर नियोजक और सहायक लेखाधिकारी को कमेटी में शामिल किया गया है.
हर माह जितनी भी फाइल दोबारा तैयार की जाएंगी समिति को उनकी स्कैनिंग कराने के साथ ही फाइलों का ब्योरा सचिव को उपलब्ध कराना होगा. इसके अलावा समिति को किसी भी प्रकरण की फाइल सृजित करने से पहले अभिलेखागार से डिटेल रिपोर्ट प्राप्त करनी होगी. फाइल गायब होने में कौन शामिल रहा, फाइल की आखिरी कस्टडी जिसके पास रही होगी, उसका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा. संबंधित कर्मचारी की सर्विस बुक में रिकॉर्ड दर्ज होगा. उनके खिलाफ कार्रवाई के सम्बंध में सचिव के स्तर पर प्रत्येक माह समीक्षा की जाएगी. इस कमेटी को हर हाल में यह ध्यान रखना होगा कि फाइल के नाम पर गलत फाइल खोलकर किसी को गलत तरीके से लाभ न पहुंचाया जाएगा.
आवंटियों की सहूलियत के लिए यह एक सराहनीय कदम है. फाइल खोलने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी. उपाध्यक्ष ने सम्बंधित प्रभारी सम्पत्ति अधिकारी की अध्यक्षता में नगर नियोजक, सहायक लेखाधिकारी व सम्बंधित सम्पत्ति अधिकारी (स्तर-1) की कमेटी गठित कर दी है, जो गुणदोष के आधार पर परीक्षण करक फाइल खोलने के विषय पर निर्णय होगा.