लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में जमीनी विवाद में शादी टूटने पर युवती ने मंगेतर पर दुराचार का आरोप लगाते हुए थाना गोमती नगर में मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले पर सत्र अदालत ने सुनवाई करने के बाद अभियुक्त को बरी करने का फैसला लिया.
पीड़िता ने थाना गोमती नगर में अभियुक्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी कि अभियुक्त मुन्ना उर्फ सुनील कुमार उसके साथ दो साल तक पति-पत्नी की तरह रहा और शादी का प्रलोभन देकर उसका यौन शोषण करता रहा. जब पीड़िता ने शादी का दबाव बनाया तो अभियुक्त ने शादी से इंकार कर दिया और उसे धमकियां देने लगा.
वहीं अभियुक्त द्वारा भेजे गए शिकायती पत्रों व बचाव पक्ष के गवाहों के बयान के अनुसार, पीड़िता और अभियुक्त के बीच शादी की बात चल रही थी. इस दौरान पीड़िता के पिता ने अभियुक्त से एक लाख रुपये में अपनी एक जमीन बेचने की बात कही. इसके लिए अभियुक्त ने पीड़िता के पिता को 70 हजार रुपये एडवांस के तौर पर भी दे दिये. लेकिन, जब अभियुक्त ने बाकी पैसे देकर जमीन का बैनाम करने कहा, तो पीड़िता का पिता मुकर गया. इतना ही नहीं, उसने एडवांस की भी रकम देने से इंकार कर दिया, जिसके बाद दोनों परिवारों के बीच मतभेद हो गया और कुछ दिन के बाद शादी का रिश्ता भी टूट गया.
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इस मामले को अदालत ने सभी तथ्यों पर गौर करने के उपरांत पारित निर्णय में कहा कि पीड़िता व अभियुक्त के बीच आपसी सहमति से शारीरिक संबंघ बने थे. अभियुक्त का पीड़िता के साथ विवाह करने का सद्भावपूर्ण आशय था. लेकिन. जमीनी विवाद होने के कारण शादी टूट गई. लिहाजा अभियोजन पक्ष यह सिद्ध करने में विफल रहा कि अभियुक्त ने शादी का झूठा वादा कर पीड़िता से सम्बंध बनाए थे.
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