लखनऊ : उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप (Minister Narendra Kashyap) ने कहा कि बैठक में विभाग से संबंधित अधिकारियों के साथ करीब एक दर्जन अन्य विभागों को भी आमंत्रित किया गया था. बैठक में सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों को भी बुलाया गया था. मुख्य रूप से दो तीन बातों पर चर्चा हुई है. उसके निराकरण की योजना पर हम लोगों ने आश्वासन दिया है कि दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड (UDID Card) बनने के संबंध में कुछ अस्पतालों में डॉक्टर की कमी के संबंध में सूचना थी. स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से हमने निर्देशित किया है कि ऐसे सभी हॉस्पिटल जहां पर दिव्यांगजनों का इलाज किया जाना अपेक्षित हो, यूडीआईडी कार्ड (UDID Card) के संबंध में सहयोग करना हो. वहां पर तत्काल चाहे प्राइवेट सेक्टर से ही सही, डॉक्टर्स की नियुक्ति करके दिव्यांगजनों की बीमारी और यूडीआईडी कार्ड (UDID Card) में स्वास्थ्य विभाग अपना सहयोग दें.
उन्होंने कहा कि यह सुझाव भी मिला है कि कुछ जनपदों में दिव्यांगजनों के साथ खासतौर से परिवहन निगम में कुछ अशोभनीय टिप्पणी की जाती है. परिवहन निगम को निर्देशित किया गया है कि पूरे उत्तर प्रदेश के परिवहन की बसों में किसी भी दिव्यांगजन के प्रति कोई अशोभनीय टिप्पणी न हो. यदि कोई टिप्पणी होती है और उसकी शिकायत हमारे दिव्यांग आयुक्त के पास आती है तो निश्चित ही हम कठोर कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को लिखेंगे. इसके अलावा प्रस्ताव में यह भी सुझाव सम्मिलित किए गए हैं कि जो भी हमारी सरकार की योजनाएं हैं.
दिव्यांग जनों के पुनर्वास के संबंध में, विकास के संबंध में हम अधिकतम आम जनमानस का सहयोग लेकर और विभाग की सुविधाओं के माध्यम से उन सभी योजनाओं का प्रचार प्रसार व्यापक स्तर पर करेंगे, जिससे दिव्यांग जनों को शासन की योजनाओं का ज्ञान हो और उसका लाभ लिया जा सके. कहा कि जो दिव्यांग 40 परसेंट से ज्यादा की श्रेणी में आते हैं तो उस संदर्भ में भी कुछ सूचनाएं ऐसी मिली हैं कि कहीं कहीं पर दिव्यांग सर्टिफिकेट नहीं बन रहे हैं तो उसका भी हमने संज्ञान लिया है. दिव्यांग जनों का जीवन सुगम हो सरकार की योजनाओं का लाभ मिले इन सभी मुद्दों पर बुधवार को बैठक हुई है.
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