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लखनऊ: मेट्रो रेल कारपोरेशन ने की मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील - मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील

लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन ने मकर संक्रांति के मौके पर शहरवासियों से मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील की है. दरअसल इससे न केवल मेट्रो संपत्ति को नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा होती है.

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शहरवासियों से मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील.
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Published : Jan 14, 2020, 5:01 AM IST

लखनऊ: मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने मकर संक्रांति के त्योहार पर शहरवासियों से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मेट्रो संचालित क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील की है. दरअसल वजह यह है कि चीनी मांझे के बिजली के तार पर गिरते ही बिजली गुल हो जाती है और मेट्रो के पहिए थम जाते हैं, इसलिए एलएमआरसी ने किसी भी अनहोनी से बचने के लिए मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की लोगों से अपील की है.

शहरवासियों से मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील.
मेट्रो क्षेत्र में पतंगबाजी पर रोक
पतंग उड़ाने के शौकीन लोगों के लिए एलएमआरसी यह दोहराना चाहती है कि मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग उड़ाना बेहद खतरनाक है और पतंग उड़ने वाले व्यक्ति के लिए घातक और जानलेवा साबित हो सकता है. बता दें कि लखनऊ मेट्रो 25000 वोल्ट की धाराप्रवाह वाली ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन की सहायता से चलती है. ऐसे में अगर किसी पतंगबाज की डोर इसके संपर्क में आ जाती है तो उस व्यक्ति को भी नुकसान हो सकता है.


इसके साथ ही पतंग का तार ओएचई की ट्रिपिंग का कारण भी बनता है, जिसके चलते मेट्रो सेवाएं बाधित हो जाती हैं. इससे न केवल मेट्रो संपत्ति को नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा होती है.

इसे भी पढ़ें:-लखनऊ में पहली बार पूरे देश ने मिलकर मनाया लोहड़ी का त्योहार, युवाओं में दिखा उत्साह

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन ने पतंग विक्रेताओं से भी अपील की है कि वे पतंग खरीददारों को भी जागरूक करें कि वे मेट्रो क्षेत्र के आसपास पतंग न उड़ाएं. यूपीएलएमआरसी मेट्रो संचालन में पतंग के मांझे से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर शहरवासियों को लगातार जागरूक करता आ रहा है.

लखनऊ: मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने मकर संक्रांति के त्योहार पर शहरवासियों से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मेट्रो संचालित क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील की है. दरअसल वजह यह है कि चीनी मांझे के बिजली के तार पर गिरते ही बिजली गुल हो जाती है और मेट्रो के पहिए थम जाते हैं, इसलिए एलएमआरसी ने किसी भी अनहोनी से बचने के लिए मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की लोगों से अपील की है.

शहरवासियों से मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील.
मेट्रो क्षेत्र में पतंगबाजी पर रोक
पतंग उड़ाने के शौकीन लोगों के लिए एलएमआरसी यह दोहराना चाहती है कि मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग उड़ाना बेहद खतरनाक है और पतंग उड़ने वाले व्यक्ति के लिए घातक और जानलेवा साबित हो सकता है. बता दें कि लखनऊ मेट्रो 25000 वोल्ट की धाराप्रवाह वाली ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन की सहायता से चलती है. ऐसे में अगर किसी पतंगबाज की डोर इसके संपर्क में आ जाती है तो उस व्यक्ति को भी नुकसान हो सकता है.


इसके साथ ही पतंग का तार ओएचई की ट्रिपिंग का कारण भी बनता है, जिसके चलते मेट्रो सेवाएं बाधित हो जाती हैं. इससे न केवल मेट्रो संपत्ति को नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा होती है.

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उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन ने पतंग विक्रेताओं से भी अपील की है कि वे पतंग खरीददारों को भी जागरूक करें कि वे मेट्रो क्षेत्र के आसपास पतंग न उड़ाएं. यूपीएलएमआरसी मेट्रो संचालन में पतंग के मांझे से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर शहरवासियों को लगातार जागरूक करता आ रहा है.

Intro:पतंग न लगाए मेट्रो के संचालन पर रोक, मेट्रो रेल कारपोरेशन ने की मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील

लखनऊ। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन ने मकरसंक्रांति के त्योहार पर शहरवासियों से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मेट्रो संचालित क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील की है। वजह है कि चीनी मांझा बिजली के तार पर गिरते ही बिजली गुल हो जाती है और मेट्रो के पहिए थम जाते हैं। चीनी मांझे के कारण पहले भी मेट्रो ट्रेन का संचालन कई बार क्षतिग्रस्त हुआ है इसलिए यूपीएमआरसी ने किसी भी अनहोनी से बचने के लिए मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने का अनुरोध किया।





Body:पतंग उड़ाने के शौकीन लोग मकरसंक्रांति के इस बहुप्रतीक्षित त्योहार के लिए तैयार रहते हैं, यूपीएमआरसी यह दोहराना चाहती है कि मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग उड़ाना बेहद खतरनाक है और पतंग उड़ने वाले व्यक्ति के लिए घातक व जानलेवा साबित हो सकता है। बता दें कि लखनऊ मेट्रो 25000 वोल्ट की धाराप्रवाह वाली ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन की सहायता से चलती है। ऐसे में अगर किसी पतंगबाज की डोर इसके संपर्क में आ जाती है तो उस व्यक्ति को नुकसान हो सकता है।





Conclusion:इसके अलावा, पतंग का तार ओएचई की ट्रिपिंग का कारण भी बनता है, जिसके चलते मेट्रो सेवाएं बाधित हो जाती हैं। इससे न केवल मेट्रो संपत्ति को नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा होती है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन ने पतंग विक्रेताओ से भी अपील की है कि वो पतंग खरीददारों को भी जागरूक करें कि वे मेट्रो क्षेत्र के आसपास पतंग न उड़ाएं। बता दें कि यूपीएमआरसी मेट्रो संचालन में पतंग के मांझे से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर शहरवासियों को लगातार जागरूक करता आ रहा है। 


अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096

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