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स्टूडेंट्स की प्राथमिकता से बाहर हुआ लखनऊ यूनिवर्सिटी, जानिए सीट छोड़कर क्यों जा रहे हैं मेरिट होल्डर

लखनऊ विश्वविद्यालय में सीट छोड़कर जाने लगे हैं प्रोविजनल एडमीशन लेने वाले छात्र. परास्नातक में सीट भरने के लिए होगी चौथे चरण की काउंसलिंग. छात्रों को दूसरे संस्थानों में मिल रहे हैं बेहतर विकल्प.

Lucknow university
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Published : Nov 22, 2021, 3:09 PM IST

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय में सत्र 2021-22 में दाखिले की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है और प्रोविजनल एडमीशन लेने वाले छात्र अब सीट छोड़कर भी जाने लगे हैं. आश्चर्यजनक है कि इनमें ज्यादातर मेरिट होल्डर हैं. यह मामला स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रम दोनों में देखने को मिल रही है. हाल ये है कि स्नातक में सीट खाली रह गई हैं वहीं परास्नातक में सीट भरने के लिए चौथे चरण की काउंसलिंग तक करानी पड़ रही है.

जानकारों की मानें तो विश्वविद्यालय में यह बेहद कम हुआ है जब दाखिले के लिए चौथे चरण की काउंसलिंग करानी पड़ रही है. लखनऊ विश्वविद्यालय कैंपस में स्नातक और परास्नातक की सीटों की संख्या करीब 8500 के आसपास है. इनपर दाखिले के लिए प्रवेश की प्रक्रिया मार्च में शुरू कर दी गई थी. कोरोना संक्रमण और 10वीं व 12वीं की परिणामों में देरी के चलते यह फंस गई. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 15 नवम्बर तक सभी प्रवेश पूरे किए जाने की घोषणा की गई थी. लेकिन अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.

Students
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यह भी पढ़ें- महिला डिग्री कॉलेज में सेक्स रैकेट चला रहा था प्रोफेसर, मुकदमा दर्जप्रोविजनल एडमीशन लेने के बाद छात्र सीट छोड़कर जा रहे हैं. यह वो छात्र हैं जिन्हें दूसरे संस्थानों में बेहतर विकल्प मिल गए हैं. इसके चलते सीट खाली हो रही हैं. सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम एमएससी इन्वायरमेंटल साइंस में सीट भरना भी मुश्किल हो गया है. विश्वविद्यालय के नियमानुसार 60 प्रतिशत सीट पर ही प्रवेश लिए जा सकते हैं. यहां 40 में 12-13 सीट पर ही प्रवेश हो पाए हैं.

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लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय में सत्र 2021-22 में दाखिले की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है और प्रोविजनल एडमीशन लेने वाले छात्र अब सीट छोड़कर भी जाने लगे हैं. आश्चर्यजनक है कि इनमें ज्यादातर मेरिट होल्डर हैं. यह मामला स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रम दोनों में देखने को मिल रही है. हाल ये है कि स्नातक में सीट खाली रह गई हैं वहीं परास्नातक में सीट भरने के लिए चौथे चरण की काउंसलिंग तक करानी पड़ रही है.

जानकारों की मानें तो विश्वविद्यालय में यह बेहद कम हुआ है जब दाखिले के लिए चौथे चरण की काउंसलिंग करानी पड़ रही है. लखनऊ विश्वविद्यालय कैंपस में स्नातक और परास्नातक की सीटों की संख्या करीब 8500 के आसपास है. इनपर दाखिले के लिए प्रवेश की प्रक्रिया मार्च में शुरू कर दी गई थी. कोरोना संक्रमण और 10वीं व 12वीं की परिणामों में देरी के चलते यह फंस गई. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 15 नवम्बर तक सभी प्रवेश पूरे किए जाने की घोषणा की गई थी. लेकिन अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.

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