लखनऊः सत्र 2020-21 के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में रिकॉर्ड तोड़ फॉर्म भरे गए हैं. बीए ऑनर्स में इस बार 90 फीसदी से कम अंक होने पर दाखिला पाना सामान्य श्रेणी वालों के लिए मुश्किल दिख रहा है. इसको देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय ने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि वे ज्यादा से ज्यादा विकल्प भरें. वहीं बीए ऑनर्स के साथ ही बीए का भी विकल्प देने को कहा है.
लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस बार केंद्रीयकृत आवेदन प्रणाली लागू की है. इसके बाद कई कॉलेजों में भी दाखिला लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए आए फॉर्म में से ही होगा. लखनऊ विश्वविद्यालय में इस बार स्नातक पाठ्यक्रमों में कुल 38,878 आवेदन आए हैं. बीए ऑनर्स, बीकॉम और बीएससी के लिए आए आवेदनों में से 700 ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनका नंबर 90 फीसदी से ज्यादा है.
वहीं बीए और बीए ऑनर्स में भी यह संख्या 300 से ज्यादा है. लखनऊ विश्वविद्यालय में बीए ऑनर्स की 380 सीटें हैं. सामान्य अभ्यर्थियों के लिए 50 प्रतिशत यानी 190 सीटें ही उपलब्ध होंगी. ऐसे में 90 फ़ीसदी से कम नंबर रहने पर सामान्य श्रेणी के छात्रों को दाखिला मिलना काफी मुश्किल होगा. इसलिए विश्वविद्यालय ने इस बार बीए ऑनर्स के साथ ही भी बीए और अन्य कॉलेजों के भी विकल्प दिए हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय ने सभी अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि दाखिले के लिए वे ज्यादा से ज्यादा विकल्प दें. बीकॉम और बीएससी में विषय के विकल्प कम हैं, इसलिए उसमें अभ्यर्थियों को समस्या कम रहेगी. वहीं बीए और बीए ऑनर्स के साथ ऐसी स्थिति नहीं है. विश्वविद्यालय में छह विषयों में बीए ऑनर्स की पढ़ाई होती है ऐसे में बीए ऑनर्स के दाखिले के लिए अभ्यर्थियों को ज्यादा से ज्यादा विकल्प देने होंगे.
लखनऊ विश्वविद्यालय के पीआरओ ने बताया कि इस बार बीए और बीए ऑनर्स के आवेदन एक साथ मांगे गए हैं. इसलिए बीए ऑनर्स में सीटें न मिलने पर उनके पास बीए में दाखिला लेने का विकल्प होगा. इसके साथ ही अभ्यर्थियों के पास अन्य कॉलेजों में भी दाखिले का विकल्प रहेगा.